Madhya Pradesh CM Mohan Yadav: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए लगातार काम कर रहे हैं। इसी के तहत बीते दिन सीएम मोहन यादव ने मुख्यमंत्री निवास के समत्व भवन में रोजगार और स्वरोजगार से जुड़ी एक समीक्षा बैठक बुलाई। इस बैठक में सीएम मोहन यादव ने स्वरोजगार और रोजगार बढ़ाने के लिए काम कर रही 11 विभागों के कार्य की समीक्षा की। साथ ही पिछले 10 महीने स्व-रोजगार और रोजगार सृजन की कोशिशों पर चर्चा करते हुए अगले 4 सालों के काम की प्लानिंग की। इस दौरान सीएम मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को उनकी योग्यता के अनुसार स्वरोजगार और रोजगार देने के लिए राज्य सरकार कमिटेड है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निवास स्थित समत्व भवन में रोजगार एवं स्व-रोजगार सृजन के संबंध में समीक्षा बैठक की एवं संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।@DrMohanYadav51 #CMMadhyaPradesh pic.twitter.com/k1SsbTJ5MM
---विज्ञापन---— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) October 19, 2024
विभागों को सीएम मोहन का निर्देश
सीएम मोहन यादव ने बैठक में कहा कि युवाओं में रोजगार और स्वरोजगार के लिए स्किल डेवलपमेंट करना बहुत जरुरी है। उन्होंने राज्य के सरकारी योजनाओं की जानकारी और ट्रेनिंग को एक प्लेटफार्म पर लाने और रोजगार प्रदान करने वाले सभी विभागों का इन्टीग्रेटेड रोजगार स्टेट पोर्टल तैयार करना निर्देश दिया है। ताकि युवाओं को उद्योग के लिए रोजगार की मांग के अनुसार जरुरी स्किल मिल सके।
विभाग की संयुक्त समिति
सीएम मोहन यादव ने कहा कि इन्टीग्रेटेड रोजगार स्टेट पोर्टल पर युवाओं के लिए सरकारी योजनाओं और रोजगार की सारी जानकारी मौजूद होनी चाहिए। जिसमें आवेदन की प्रक्रिया से लेकर रोजगार की संख्या, योजनाओं की जानकारी, योग्यता, प्रशिक्षण, इंडस्ट्री के लॉग इन सहित रोजगार से जुड़े सभी पक्षों की जानकारी उपलब्ध होनी चाहिए। इससे युवाओं को एक ही जगह पर रोजगार और स्व-रोजगार जुड़ी सारी जानकारी मिल सकेगी। यह पोर्टल समग्र पोर्टल से भी लिंक होगा। इन्टीग्रेटेड रोजगार स्टेट पोर्टल के निर्माण के लिए जरुरी कार्यवाही के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, MSMEs, श्रम विभाग और कौशल विकास और रोजगार विभाग की संयुक्त समिति बनाए जाने के निर्देश दिए।
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ये 11 विभागों है शामिल
इन 11 विभागों में MSMEs, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी, श्रम विभाग, पशुपालन एवं डेयरी, नगरीय विकास एवं आवास, तकनीकी शिक्षा, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, कुटीर एवं ग्रामोद्योग और कौशल विकास एवं रोजगार विभाग शामिल थे।