MP Exit Polls 2023 Result Analysis: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के एग्जिट पोल काफी चौंकाने वाले हैं। प्रदेश में अभी भाजपा की सरकार है और नई सरकार भी भाजपा की ही बनने का अनुमान है। एग्जिट पोल के आंकड़े देखें तो लगभग सभी एजेंसियों ने भाजपा को बढ़त दी है। 230 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी को 115 सीटों की जरूरत है। News24-Todays Chanakya के एग्जिट पोल में तो भाजपा पूर्ण बहुमत का जादूई आंकड़ा छूती दिख रही है, लेकिन असली तस्वीर 3 दिसंबर 2023 को मतगणना के बाद ही स्पष्ट होगी, लेकिन एग्जिट पोल के जो आंकड़े सामने आए हैं, उनसे यह भी देखने को मिला है कि प्रदेश में इस बार त्रिशंकु विधानसभा बन सकती है। ब्राह्मण और मुस्लिम पासे पलट सकते हैं। जानिए कैसे…
News24-टुडेज चाणक्या स्टेट एनालिसिस
मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से न्यूज़ 24-टुडेज़ चाणक्या स्टेट एनालिसिस में भाजपा को 151 ± 12 सीटें , कांग्रेस को भी 74 ± 12 सीटें और अन्यों को 5 ± 4 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की गई है। वहीं भाजपा को 45% ± 3%, कांग्रेस को 38% ± 3% और अन्य के खाते में 17% ± 3% वोटर शेयर दिखाया गया है। दूसरे शब्दों में बात करें तो प्रदेश में इस बार भाजपा को कुल 151 सीटें मिलने का अनुमान है। कांग्रेस को 74 सीट मिल सकती हैं। एग्जिट पोल के अनुसार, इन आंकड़ों में 12 सीटें कम या ज्यादा हो सकती हैं। भाजपा को कुल 45 फीसदी तो कांग्रेस को कुल 38 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है। इसके अलावा अन्य पार्टियों को 17 फीसदी वोट मिलने का अनुमान जताया गया है।
एग्जिट पोल के आंकड़े, त्रिशंकु विधानसभा के आसार
अगर 6 प्रमुख न्यूज एजेंसियों के एग्जिट पोल के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो 3 एजेंसियां कांग्रेस के पक्ष में हैं। बाकी 3 एजेंसियां भाजपा की सरकार बना रही हैं। ऐसे में प्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा बनने के आसार भी हैं, यह देखिए आंकड़े…
न्यूज24 Todays Chanakya
भाजपा – 151, कांग्रेस – 746, अन्य – 5
जन की बात
भाजपा – 100-123, कांग्रेस – 102-125, अन्य – 0-5
एबीपी सी वोटर
भाजपा – 88-112, कांग्रेस – 113-137, अन्य – 02-08
इंडिया टुडे- एक्सिस माय इंडिया
भाजपा –140-162, कांग्रेस – 68-90, अन्य – 0-3
जी न्यूज
भाजपा –118-130, कांग्रेस –97-107
विधानसभा चुनाव 2023 के आंकड़े
मध्य प्रदेश में इस समय भाजपा की सरकार और शिवराज चौहान मुख्यमंत्री हैं। प्रदेश में 17 नवंबर को 230 निर्वाचन क्षेत्रों में एक ही चरण में मतदान हुआ और करीब 71.11 प्रतिशत वोटिंग हुई। 52 जिलों के 2,534 उम्मीदवारों का किस्मत का फैसला 3 दिसंबर को होगा। राज्य में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है। करीब 5.6 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर हैं। का भाग्य टिका हुआ है। राज्य के कुल 5.6 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर्स हैं। इसमें 2.88 करोड़ पुरुष और 2.72 करोड़ महिला मतदाता हैं। LGBTQ+ समुदाय के 1292 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
54% ब्राह्मणों ने भाजपा को दिए वोट
मध्य प्रदेश में न्यूज 24 टुडेज चाणक्या के स्टेट एनालिसिस के अनुसार, 54 फीसदी ब्राह्मणों ने भाजपा को वोट किया है। वहीं 28 फीसदी ब्राह्मणों ने कांग्रेस को वोट किया है। इसके अलावा 47 फीसदी राजपूतों ने भाजपा, 38 फीसदी राजपूतों ने कांग्रेस को वोट दिया है।
45 फीसदी SC वोट-BJP के साथ
न्यूज 24 टुडेज चाणक्या के स्टेट एनालिसिस के अनुसार, मध्य प्रदेश में 45 फीसदी SC ने भाजपा और 41 फीसदी ने कांग्रेस को वोट दिए। ST की बात करें तो 46 फीसदी ने भाजपा, 39 फीसदी ने कांग्रेस को वोट दिया। प्रदेश के 84 फीसदी मुस्लिम वोटरों ने कांग्रेस पर विश्वास जताया है, जबकि भाजपा मुस्लिम वोटरों को लुभाने में पूरी तरह नाकाम रही है। OBC में 47 फीसदी वोट भाजपा को और 31 फीसदी वोट कांग्रेस को दिए हैं।
साल 2018 में कुछ ऐसा था परिणाम
विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा के खाते में 109 सीटें आई थीं। कांग्रेस ने 114 सीटों पर जीत हासिल करके सरकार बनाई थी, लेकिन कुछ महीनों बाद ही ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक विधायकों को लेकर भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके चलते भगवा दल के हाथ में फिर से राज्य की बागडोर आ गई थी।
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मोदी ‘मैजिक’ का कारण होंगी जनसभाएं
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के एग्जिट पोल इस बार भाजपा की सरकार बना रहे हैं, जिसे मोदी मैजिक माना जा रहा है। मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर स्टार प्रचारकों का जोर भी न सिर्फ संबंधित नेताओं की जनता में लोकप्रियता, बल्कि केंद्र की सत्ता के लिए भी अहम होंगा। मध्य प्रदेश में अगर चुनावी कैंपेन पर नजर डाली जाए तो प्रधानमंत्री मोदी ने प्रदेश में 14 जनसभाएं कीं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जोर लगाया। असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा समेत 12 केंद्रीय मंत्री मध्य प्रदेश चुनाव के रण में उतरे। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने 10 और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने 9 सभाएं कीं। राहुल गांधी ने आदिवासी और OBC बहुल जिलों में ज्यादा ध्यान दिया तो खरगे की सभाएं SC बहुल क्षेत्रों पर केंद्रित रहीं। प्रियंका गांधी ने आदिवासी अंचलों पर ज्यादा ध्यान दिया।