INSAT-3DS Launch MP CM Reaction: इसरो ने एक बार फिर इतिहास रचकर दिखा दिया। अंतरिक्ष की दुनिया में भारत का दबदबा और बढ़ गया है। दरअसल, 17 फरवरी, 2024 को श्रीहरिकोटा से मौसम उपग्रह INSAT-3DS लॉन्च किया गया। इस बीच मध्यप्रदेश सीएम डॉ. मोहन यादव ने बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
#WATCH | Andhra Pradesh: ISRO chief S Somanath and other ISRO scientists congratulate each other after the successful launch of INSAT-3DS
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— ANI (@ANI) February 17, 2024
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क्या बोले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव?
उन्होंने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में पाई गई यह सफलता आपदा के समय में काफी काम आएगी। इसकी मदद से प्राकृतिक आपदा के समय किसी जान-माल को नुक्सान न होने में मदद मिलेगी। तीसरी पीढ़ी का यह उपग्रह प्राकृतिक आपदाओं के समय रहत और बचाव के कामों के बेहतर प्रबंधन में भारत की ताकत को सतत् रूप से बढ़ाता रहेगा।
#ISRO Chief S. Somanath announces a historic achievement.
INSAT-3DS satellite is now successfully placed in its designated orbit, marking a significant milestone in space exploration.@isro #INSAT3DS pic.twitter.com/xvKsMXSptz
— Doordarshan National दूरदर्शन नेशनल (@DDNational) February 17, 2024
INSAT-3DS की लॉन्चिंग से क्या फायदा होगा?
- इस सेटेलाइट की लॉन्चिंग से मौसम और प्राकृतिक आपदाओं से जुड़ी सटीक जानकारी मिलेगी।
- प्राकृतिक आपदा आने से पहले ही उसकी जानकारी मिल पाएगी।
- इनसैट-3 डीएस से समुद्र की सतह के बारे में और अच्छे से जान पाएंगे।
- देश की मौसम एजेंसियों के लिए यह सेटेलाइट बहुत ही ज़रूरी है।
#WATCH | Andhra Pradesh: The second stage performance is Normal and the payload bearing has also been separated as ISRO launched INSAT-3DS meteorological satellite onboard a Geosynchronous Launch Vehicle F14 (GSLV-F14).
(Source: ISRO) pic.twitter.com/V0QJvAVoRC
— ANI (@ANI) February 17, 2024
आपको बता दें कि इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने इस सेटेलाइट की लॉन्चिंग से पहले श्री चेंगलम्मा परमेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। उन्होंने कहा कि वो इस मिशन की सफलता के लिए चेंगलम्मा भगवती का आशीर्वाद लेने गए। हालांकि उन्होंने चंद्रयान-3 और आदित्य-एल1 मिशन की लॉन्चिंग से पहले भी मंदिर में पूजा की थी।
इस सेटेलाइट का डेटा किस-किसके आएगा काम?
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) के कई विभाग और बाकी एजेंसियां और संस्थान मौसम के बेहतर अनुमान और मौसम से जुड़ी बाकी जानकारी के लिए इसके डेटा का इस्तेमाल करेंगीं। उसमें से कुछ हैं:
- राष्ट्रीय मध्यम-सीमा मौसम पूर्वानुमान केंद्र (NCMRWF)
- भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD)
- भारतीय राष्ट्रीय केंद्र महासागर सूचना सेवा (INCOIS)
- राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (NIOT)
- भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM)