Madhya Pradesh: अक्सर हम सोशल मीडिया पर किसी न किसी विषय या अपनी जीवन में घटित हो रही घटनाओं के बारे में पोस्ट करते हैं। ऐसे ही एक मामले में एक शख्स का पोस्ट उसके लिए सिरदर्द साबित हुआ। नौबत कोर्ट-कचहरी तक आ गई, अब शख्स के खिलाफ मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने आदेश जारी किया है।
सोशल मीडिया पोस्ट पर हाई कोर्ट ने लिया था स्वत: संज्ञान
दरअसल, एक शख्स का उसकी पत्नी के साथ घरेलू विवाद का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। एक दिन सुनवाई के दौरान का अदालत का फोटो और उस पर अपनी टिप्पणी लिखते हुए उसने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर कर दी। जब इस बारे में हाई कोर्ट के जज को पता चला तो उन्होंने इस पर स्वत: संज्ञान ले लिया।
ನ್ಯಾಯಾಂಗ ನಿಂದನೆ ಪ್ರಕರಣ: ತಿಂಗಳೊಳಗೆ 50 ಗಿಡ ನೆಡಲು ಹೈಕೋರ್ಟ್ ಆದೇಶ! https://t.co/NYvoKc74MS via @Power TV
— POWER TV/ಪವರ್ ಟಿವಿ (@powertvnews) December 4, 2024
---विज्ञापन---
ये भी पढ़ें: जीवन के हर क्षण का उपयोग मानव सेवा के लिए करें, MP के मुख्यमंत्री मोहन यादव की नसीहत
सोशल मीडिया पोस्ट को न्यायालय की अवमानना माना
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने शख्स के सोशल मीडिया पोस्ट को न्यायालय की अवमानना माना। न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की खंडपीठ के समक्ष आरोपी राहुल साहू के खिलाफ आपराधिक अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राहुल साहू ने कहा कि वह ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है।
आरोपी ने खुद को बताया कम पढ़ा लिखा
राहुल का कहना था कि उसने केवल कक्षा 10 तक ही पढ़ाई की है। उसने लॉ के बारे में भी कोई शिक्षा नहीं है। ऐसे में उसे कानूनी प्रक्रिया के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। इतना ही नहीं वह अदालती कार्यवाही की मर्यादा और आवश्यकता से अपरिचित है।
30 दिन के भीतर लगाने होंगे पेड़
सुनवाई के दौरन कोर्ट ने कहा कि राहुल साहू ने अपने आचरण पर खेद और पश्चाताप व्यक्त किया है। इतना ही नहीं आरोपी ने बिना शर्त माफी भी मांगी है और भविष्य में सावधानी बरतने का शपथपत्र भी दिया है। अदालत ने राहुल को एक महीने में 50 पेड़ लगाने का आदेश दिया। आदेश में कहा गया है कि राहुल मुरैना जिले के संबलगढ़ क्षेत्र में देशी प्रजातियों के 50 पेड़ लगाएंगे। ये पेड़ देशी प्रकृति के होंगे और इनकी ऊंचाई कम से कम 4 फीट हो।
ये भी पढ़ें: Sister Serial Killers की सनसनीखेज कहानी, 13 बच्चे किडनैप, 9 का कत्ल पर फांसी से बची