भोपाल : एग्जिट पोल के नतीजे आ गए, लेकिन असली नतीजा तो तीन दिसंबर को आएगा और इस दिन पता चलेगा कि मध्य प्रदेश की सत्ता किसके हाथ आएगी। इसका इंतजार सभी को है। इसके साथ ही इस बात का भी इंतजार है कि यदि एक्जिट पोल के रुझान नतीजों में बदले तो भाजपा सरकार को बहुमत मिल सकता है। अगर ऐसा हुआ तो भाजपा सरकार में इस बार बड़े चेहरे कौन-कौन होंगे।
सीएम शिवराज सिंह मुख्यमंत्री के सबसे बड़े दावेदार
प्रदेश में यदि बीजेपी की सरकार फिर बनती है तो सीएम शिवराज सिंह मुख्यमंत्री के सबसे बड़े दावेदार होंगे। एमपी बीजेपी में शिवराज सिंह से बड़ा चेहरा कोई नहीं है। सीएम शिवराज होंगे तो उनके कैबिनेट में भारी भरकम मंत्रालय के कई लोग दावेदारी करेंगे।
नरेंद्र सिंह तोमर : दिमनी से चुनाव लड़ रहे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को बड़ा महकमा मिल सकता है। नरेंद्र सिंह तोमर बीजेपी चुनाव अभियान समिति के संयोजक हैं।
कैलाश विजयवर्गीय : बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी मलाईदार पोस्ट बड़े दावेदार हैं। कैलाश विजयवर्गीय मालवा निमाड़ से बीजेपी का बड़ा चेहरा हैं।
फग्गन सिंह कुलस्ते : केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भी राज्य की राजनीति में लौटते हैं तो उन्हें भी बड़ा मंत्रालय मिल सकता है। फग्गन सिंह कुलस्ते पार्टी के पुराने नेता हैं और पार्टी के सबसे बड़े आदिवासी चेहरा हैं दतिया से चुनाव लड़ रहे हैं।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा : गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा एक बार फिर से गृह मंत्रालय लेना चाहेंगे। उन्हें गृह मंत्रालय चलाने का अच्छा अनुभव भी है। अमित शाह के कोर टीम के सदस्य और शिवराज सरकार में दूसरे नंबर के नेता हैं नरोत्तम मिश्रा। सरकार में संकटमोचक की छवि हैं।
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भूपेंद्र सिंह : बुंदेलखंड से आने वाले भूपेंद्र सिंह भी चुनाव जीतने के बाद एक बार फिर से मंत्री बनना चाहएंगे। बुंदेलखंड के इस कद्दावर नेता को सीएम शिवराज का सबसे अधिक भरोसेमंद नेता माना जाता है।
प्रह्लाद सिंह पटेल : केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ये भी यदि प्रदेश की राजनीति में रहना चाहेंगे तो शिवराज कैबिनेट में बड़ा मंत्रालय की मांग करेंगे। प्रह्लाद पटेल एमपी बीजेपी ओबीसी का बड़ा चेहरा हैं। एक बार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के लिए और सीएम के लिए चला था इनका नाम।
गोपाल भार्गव : गोपाल भार्गव बुंदेलखंड से ही भाजपा के एक और बड़ा नाम ये भी बड़ा मंत्री पद चाहेंगे। गोपाल भार्गव 2018 में नेता प्रतिपक्ष थे संघ में इनकी मजबूत मानी जाती है।
राकेश सिंह : जबलपुर से सांसद और पश्चिम से चुनाव लड़ रहे राकेश सिंह भी मंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं। शिवराज सरकार इन्हें भी अपने कैबिनेट में शामिल करना चाहेगी। राकेश सिंह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। महाकौशल में पार्टी का बड़ा चेहरा माने जाते हैं।
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उदय प्रताप सिंह : उदय प्रताप सिंह भी शिवराज कैबिनेट में मंत्री बन सकते हैं। उदय प्रताप सिंह की संघ औऱ संगठन पर मजबूत पकड़ है…विकास करने वाले नेता की छवि है इनकी।
राजेंद्र शुक्ल : रीवा से आने और विंध्य का सबसे बड़ा चेहरा राजेंद्र शुक्ल भी मंत्री बन सकते हैं। राजेंद्र शुक्ल सीएम शिवराज के बेहद करबीबी माने जाते हैं…पूरे विंध्य क्षेत्र में राजेद्र शुक्ल की पकड़ है।
विश्वास सांरग : भोपाल के नरेला से चुनाव लड़ने वाले विश्वास सांरग चुनाव जीतते हैं तो फिर मंत्री बन सकते हैं। राजधानी भोपाल का बड़ा चेहरा हैं विश्वास सारंग। संघ और संगठन पर सांरग की अच्छी पकड़ है।
तुलसी सिलावट : इंदौर के सांवेर से चुनाव लड़ने वाले तुलसी सिलावट फिर से मंत्री बन सकते हैं। तुलसी सिलावट सिंधिया के सबसे करीबी नेताओं में से एक हैं। सिलावट की छवि जमीनी नेता की है।
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जयंत मलैया : चुनाव जीतने पर जयंत मलैया भी मंत्री बन सकेत हैं। दमोह से आने वाले जयंत मलैया को बड़ा विभाग चलाने का पूरा अनुभव है। सीएम शिवराज सिंह चौहान की भी पसंद हैं।
गोविंद सिंह राजपूत : सागर के सुरखी सीट से चुनाव लड़ने वाले गोविंद सिंह राजपूत भी मंत्री बन सकते हैं। गोविंद सिंह राजपूत सिंधिया के गुट के पसंदीदा चेहरा हैं।
लालसिंह आर्य भी सरकार में मंत्री बन सकते हैं। लालसिंह आर्य एमपी में बीजेपी का सबसे बड़ा दलित चेहरा हैं…एससी मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने से मंत्री बन सकते हैं लाल सिंह आर्य।
कई मंत्रियों का कट सकता है पत्ता
प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकारों का भी मानना है कि अगर शिवराज सिंह की सरकार फिर से बनती है तो इन बड़े चेहरों को सरकार में शामिल करने से इनकार नहीं कर सकते हैं, क्योंकि इनके पास सरकार से लेकर संगठन तक का लंबा अनुभव है। शिवराज सरकार में मौजूद कई मंत्रियों का पत्ता भी कट सकता है। इनके नाम हैं महेंद्र सिंह चौहान, प्रेम सिंह पटेल, ओमप्रकाश सखलेचा और हरदीप सिंह डंग। इसी तरह बिसाहुलाल सिंह, बृजेंद्र सिंह यादव, ब्रजेंद्र प्रताप सिंह, इंदरसिंह परमार और रामकिशोर कांवरे का पत्ता भी कट सकता है।