मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार को हिंदू धर्म को राष्ट्रवाद से जोड़ते हुए कहा कि हिंदू धर्म किसी की राष्ट्रीयता से बहुत करीब से जुड़ा हुआ है। टीवी9 भारतवर्ष सत्ता सम्मेलन में बोलते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा कि जिस तरह अमेरिका में रहने वाले लोगों को अमेरिकी या रूस में रहने वाले लोगों को रूसी कहा जाता है, उसी तरह उन्होंने गर्व से खुद को हिंदू घोषित किया और आश्चर्य जताया कि इसमें गलत क्या है?
क्या कहा सीएम मोहन यादव ने?
सीएम यादव ने कहा, ‘हिंदुत्व का मतलब राष्ट्रवाद है। हमें गर्व है कि हम हिंदू हैं। राष्ट्रवाद और हिंदुत्व एक ही हैं। अगर कोई हमारे देश को चुनौती देता है, तो हम उन्हें कैसे छोड़ेंगे? अमेरिका में रहने वाले लोगों को अमेरिकी कहा जाता है, रूस में रहने वाले लोगों को रूसी कहा जाता है और इसी तरह यहां हिंदुस्तान में रहने वाले लोग हिंदू होंगे। हां, मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूं। इसमें क्या गलत है?’
‘मथुरा में भगवान कृष्ण का मंदिर भी जल्द बनेगा’
मोहन यादव ने भारत में हिंदू मंदिरों के भविष्य के लिए अपनी उम्मीदें भी व्यक्त कीं। वह इस बात से रोमांचित थे कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर पूरा होने वाला है और उन्हें उम्मीद है कि मथुरा में भगवान कृष्ण का मंदिर भी जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा। सीएम ने कहा, ‘यह जानकर बहुत अच्छा लगता है कि भगवान राम सरयू नदी के तट पर रहते हैं और अगर सर्वशक्तिमान ने चाहा तो भगवान कृष्ण भी आने वाले समय में मथुरा में निवास करेंगे। मैं न्यायालय का सम्मान करता हूं, उसने भगवान राम (अयोध्या राम मंदिर के बारे में फैसले का जिक्र करते हुए) का मामला भी उठाया। यह कांग्रेस ही है जो मामले को बिगाड़ती है। अगर भगवान कृष्ण मथुरा में नहीं पैदा हुए तो और कहां? मेरा मानना है कि न्यायिक प्रणाली जानती है और वह सबूतों के आधार पर जवाब देगी और हम भी उसी का इंतजार कर रहे हैं।’
‘मुहूर्त की सटीकता वैदिक गणना से ही होगी’
हिंदू मंदिरों पर चर्चा करने के अलावा सीएम मोहन यादव ने मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थापित वैदिक घड़ी के महत्व के बारे में चर्चा की। मुख्यमंत्री ने हिंदू ज्योतिष में पवित्र समय और मुहूर्त की सटीकता निर्धारित करने में वैदिक गणना के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर जोर डाला कि उनकी संस्कृति नवग्रह रचना में गहराई से निहित है, जहां नवग्रह पूजन के बिना कोई भी पूजा शुरू नहीं होती है। एमपी के सीएम ने कहा, ‘5 हजार साल पहले भी हम इसी से समय की गणना करते आए हैं। महाकाल की नगरी काल गणना की नगरी है। मुहूर्त की सटीकता वैदिक गणना से ही होगी।’ मुख्यमंत्री ने गर्व से कहा कि महाकाल की नगरी काल गणना में अपनी विशेषज्ञता के लिए प्रसिद्ध है, जो मुहूर्त की सटीकता निर्धारित करने में वैदिक गणना के महत्व को और भी रेखांकित करता है।
सीएम मोहन यादव आए दिन विपक्ष की आलोचना का सामना करते रहते हैं। विपक्षी नेता उन पर मुस्लिम विरोधी होने का आरोप लगाते हैं। हालांकि, सीएम यादव ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि उनके कई बचपन के दोस्त मुस्लिम समुदाय से हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरे ऐसे कई बचपन के दोस्त हैं। मैं पचास नाम गिना सकता हूं। वे मेरे घर दिवाली मनाने आते हैं। मैं उनके घर जाता हूं। यह मीडिया ही है जो ऐसे मुद्दे उठाता है। हमलोग उनके घर में मिठाई तो खाएंगे ही, अगर हमलोग नॉनवेज नहीं खाते हैं तो कैसे खाएंगे?’
मुस्लिम विरोधी रुख के लिए मीडिया को बताया जिम्मेदार
वहीं, सड़क पर नमाज अदा करने के मुद्दे पर यादव ने इसकी तुलना इंदौर में होली के दौरान लोगों द्वारा अपने घरों को ढकने से की। उन्होंने कहा कि ‘जब इंदौर में रंग खेला जाता है, तो लोग अपने घरों को ढक लेते हैं। इसमें क्या गलत है? बरसात के मौसम में लोग रेनकोट पहनते हैं तो क्या इसे रोका जाएगा?’ उन्होंने सवाल किया कि मुस्लिम नमाज के दौरान ऐसी ही सावधानियां क्यों नहीं बरती जा सकतीं? यादव ने अपने कथित मुस्लिम विरोधी रुख को लेकर उठे विवाद को मीडिया की सनसनीखेज खबरों का नतीजा बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार कानून के अनुसार काम करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि त्योहारों के दौरान सभी की भावनाओं का सम्मान किया जाए। उदाहरण के लिए, उन्होंने सुझाव दिया कि खाद्य सुरक्षा कानूनों के कारण नवरात्रि के दौरान मांस की दुकानें बंद रहनी चाहिए और शाकाहारी व्यक्तियों की भावनाओं पर भी विचार किया जाना चाहिए।
सिंहस्थ 2028 अद्भुत होगा: सीएम
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने उज्जैन में होने वाले आगामी सिंहस्थ 2028 के बारे में बात की और कहा कि यह अद्भुत होगा। उन्होंने कहा, ‘मैं कह सकता हूं कि हमारी सरकार के कार्यकाल में उज्जैन में आयोजित होने वाला सिंहस्थ 2028 ऐसा होगा कि यह अब तक के रिकॉर्ड तोड़ देगा। आयोजन में कोई अनियमितता नहीं होगी।’ बता दें कि सिंहस्थ मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में हर 12 साल में आयोजित होने वाला एक हिंदू धार्मिक मेला है। इसे ‘उज्जैन सिंहस्थ कुंभ’ के नाम से भी जाना जाता है और पिछला सिंहस्थ 2016 में आयोजित किया गया था।