मध्य प्रदेश में चीता प्रोजेक्ट के तहत आज बड़ा कदम उठाया जा रहा है। कुनो के बाद आज गांधी सागर सेंचुरी चीतों का नया आशियाना बनने जा रहा है। आज ही दो चीतों को इस सेंचुरी में छोड़ा जाएगा। जानकारी के मुताबिक, इन चीतों को खुद मुख्यमंत्री मोहन यादव छोड़ेंगे। सरकार का यह कदम वन्य जीव संरक्षण की दिशा में खास माना जा रहा है। इसी के साथ गांधी सागर प्रदेश का ऐसा दूसरा स्थान बन जाएगा, जहां पर चीते रहेंगे।
कूनो नेशनल पार्क से आएंगे चीते
एमपी में चीतों का दूसरा घर मंदसौर जिले की गांधी सागर सेंचुरी बनने जा रही है। दरअसल, दक्षिण अफ्रीका से चीते लाए जाने थे, लेकिन इस प्रक्रिया में देरी के कारण अब कूनो नेशनल पार्क से ही 20 अप्रैल को 2 चीते गांधी सागर सेंचुरी में शिफ्ट किए जाएंगे। केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव और सीएम डॉ. मोहन यादव ने सीएम निवास पर हुई चीता प्रोजेक्ट की समीक्षा मीटिंग में इसे हरी झंडी दी गई है। अभी कूनो नेशनल पार्क में कुल 26 चीते हैं।
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गांधी सागर सेंचुरी की खासियत क्या?
मध्य प्रदेश में गांधी सागर सेंचुरी को 1984 में अधिसूचित किया गया था, जो चंबल नदी के किनारे पर बनी है। इसका एक बड़ा हिस्सा गांधी सागर बांध के आसपास फैला है। इस इलाके में घने जंगल, घाटियां और पहाड़ हैं, जो किसी भी प्रकृति प्रेमी को अपनी तरफ खींचने के लिए काफी हैं। इस सेंचुरी में चीतल, नीलगाय, सांभर, चिंकारा, तेंदुआ, और सियार जैसे जानवर देखने को मिल जाते हैं। इसके अलावा, यहां पर बोटिंग, मछली पकड़ना और पिकनिक का लुत्फ उठाया जा सकता है।
क्या है चीता प्रोजेक्ट?
मध्य प्रदेश में 17 सितंबर 2022 को चीता प्रोजेक्ट शुरू किया गया। इस दौरान नामीबिया से यहां 8 चीते लाए गए थे, जिनमें पांच मादा और तीन नर थे। इसके बाद फिर से साउथ अफ्रीका से 13 चीते फरवरी 2023 में लाए गए। अब राज्य के दूसरे हिस्से गांधी सागर में प्रोजेक्ट चीता को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है। इसके लिए ही और चीते भारत आने थे, लेकिन इस काम में देरी हो रही है, जिसकी वजह से कूनो पार्क से ही दो चीते गांधी सागर सेंचुरी में लाए जा रहे हैं।
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