बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक बार फिर अपने बयान को लेकर विवादों में घिर गए। मध्य प्रदेश स्थित शहडोल जिला न्यायालय ने उनके खिलाफ नोटिस जारी किया है। इसके तहत धीरेंद्र शास्त्री को 20 मई को सुबह 11 बजे अदालत में पेश होना है। आइए जानते हैं कि क्या है उनका बयान?
जानें क्या है धीरेंद्र का बयान?
बाबा बागेश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने 27 जनवरी को प्रयागराज के महाकुंभ से कहा था कि महाकुंभ में हर व्यक्ति को आना चाहिए, जो नहीं आएगा वह पछताएगा और देशद्रोही कहलाएगा। उनके इस बयान को लेकर अदालत में याचिका दाखिल की गई थी। शास्त्री के इस बयान ने कई सवाल खड़े कर दिए। क्या सीमाओं की रक्षा में तैनात सैनिक, अस्पतालों में सेवा दे रहे डॉक्टर, कानून-व्यवस्था में लगे पुलिसकर्मी या न्यायपालिका के सदस्य, जो ड्यूटी पर हैं, महाकुंभ में न आ पाने के कारण देशद्रोही कहलाएंगे, यह सवाल सिर्फ व्यंग्यात्मक नहीं, बल्कि लोकतंत्र और संविधान की आत्मा को झकझोर देने वाला है।
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3 मार्च को दाखिल हुआ आपराधिक परिवाद
पूर्व शासकीय अधिवक्ता और अधिवक्ता संघ शहडोल के पूर्व अध्यक्ष संदीप कुमार तिवारी ने इस बयान पर आपत्ति जताते हुए पहले थाना सोहागपुर में शिकायत दी थी। पुलिस कार्रवाई न होने पर मामला पुलिस अधीक्षक तक पहुंचा और 3 मार्च 2025 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, शहडोल के समक्ष आपराधिक परिवाद दाखिल किया गया। अब अदालत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की दिशा में बढ़ा दिया। उन्होंने कहा कि अगर सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणियों के लिए एफआईआर हो सकती है तो सार्वजनिक मंच से भड़काऊ बयान देने वाले पर कार्रवाई क्यों नहीं?
कोर्ट ने इस बयान को भड़काऊ-असंवैधानिक माना
शहडोल की अदालत ने इस बयान को असंवैधानिक और भड़काऊ बताते हुए धीरेंद्र शास्त्री को समन जारी किया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, शहडोल ने उन्हें 20 मई को सुबह 11 बजे कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।
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