MP-CG Assembly Elections: पांच राज्यों में अगले दो महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जो कांग्रेस के लिहाज से बेहद अहम माने जा रहे हैं। लेकिन चुनावी राज्यों से जो सर्वे आ रहे हैं वह कांग्रेस की चिंता जरूर बढ़ा रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस जल्द ही सितंबर से प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करनी शुरू कर देगी। सर्वे और पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर प्रत्याशियों को नामों का ऐलान होगा। क्योंकि कुछ सर्वे में प्रत्याशी विधायकों से नाराज नजर आ रहे हैं।
एमपी में जल्द होगा प्रत्याशियों के नामों का ऐलान
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमान पीसीसी चीफ कमलनाथ ने संभाल रखी है। ऐसे में कमलनाथ का सर्वे ही यहां आखिरी सर्वे माना जाएगा। वैसे भी कमलनाथ पहले ही कह चुके हैं कि जिन नेताओं को टिकट दिया जाना है उन्हें संकेत पहले ही दिए जा चुके हैं। हालांकि कांग्रेस के कुछ मौजूदा विधायकों के खिलाफ भी नाराजगी देखी जा रही है। ऐसे में कमलनाथ दूसरे विकल्पों पर भी तलाश कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी मौजूदा विधायकों का भी सर्वे करा रही है और सर्वे का बाद ही टिकट वितरण करेगी।
हारी हुई सीटों पर फोकस
कमलनाथ सितंबर तक प्रत्याशियों के नामों का ऐलान करवा सकते हैं। जहां सबसे ज्यादा फोकस कांग्रेस का हारी हुई सीटों पर है। बताया जा रहा है कि 66 सीटों पर कांग्रेस जहां पिछले कुछ चुनावों से लगातार हार रही है, वहां प्रत्याशियों के नामों का सबसे पहले ऐलान किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में भी नाराजगी
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सत्ता में हैं। ऐसे में यहां भी कांग्रेस का पूरा फोकस बना हुआ है। हालांकि छत्तीसगढ़ में भी कई विधायक और मंत्री लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहे हैं। ऐसे में कई विधायकों के खिलाफ नाराजगी दिखी है। हालांकि छत्तीसगढ़ में ऐसी संख्या कम है।
माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस जल्द ही प्रत्याशियों को नामों का ऐलान करना शुरू कर दी है। जिन सीटों पर पिछली बार हार का सामना करना पड़ा था, वहां प्रत्याशियों के नामों का ऐलान करके उन्हें चुनाव के लिए पर्याप्त समय देने के प्लान पर काम किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ का मॉडल
खास बात यह है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में सबसे शानदार प्रदर्शन किया था। जबकि छत्तीसगढ़ मॉडल को ही आगे लेकर कांग्रेस बढ़ रही है। ऐसे में कांग्रेस छत्तीसगढ़ को सबसे मजबूत स्थिति में रखना चाहती है। यही वजह है कि पार्टी यहां भी सबसे ज्यादा फोकस कर रही है।
बता दें कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव होने हैं। ये पांचों राज्य ऐसे हैं जहां कांग्रेस की सरकारें रही हैं, जबकि दो राज्यों में अभी भी सत्ता है। ऐसे में कांग्रेस इन राज्यों के जरिए ही अपनी खोई हुई जमीन को वापस पाने की कोशिशों में जुटी है।
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