Cheetah in India: मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले को प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन के अवसर पर अफ्रीका से 8 चीतों की सौगात मिली है। इसी के साथ प्रदेश के चंबल संभाग का गौरव और बढ़ गया है। लेकिन अब इन्हीं चीतों के साथ क्षेत्र में एक बार फिर डकैत दहाड़ सुनाई देने वाली है।
हम बात कर रहे हैं 70 के दशक में दहशत फैलाने वाले दस्यु 72 वर्षीय रमेश सिकरवार की। यूं तो डकैतों की छवि को चोरी, हत्या, अपहरण के साथ जोड़ा जाता है लेकिन इस बार वह लोगों के जहन से इस नजरिए को बदलने की कोशिश कर रहे हैं।
डकैत बने चीता मित्र
बता दें कि रमेश सिकरवार के ऊपर 250 से ज्यादा डकैती और 70 से ज्यादा हत्या के मामले दर्ज हैं। हालांकि 1984 में 32 सदस्यों के साथ आत्मसमर्पण के बाद से ही पूर्व डकैत समाज सेवा के काम से जुड़ गए और अब यह एक ‘चीता मित्र‘ बन चुके हैं। ऐसे में अब वह अफ्रीका से आ रहे चीतों के प्रति स्थानीय निवासियों को जागरूक करने के लिए उन गांवों की यात्रा कर रहे हैं।
चंबल संभाग के रॉबिन हुड हैं सिकरवार
बता दें कि रमेश सिकरवार अपराध से भले ही दूर हो गए हैं लेकिन चंबल संभाग के श्योपुर और मुरैना जिले के 175 गांवों में उन्हें आज भी रॉबिन हुड माना जाता है। यही वजह है कि जब कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों को लाने की योजना बनी तो वन विभाग ने सिकरवार से संपर्क किया। हालांकि आत्मसमर्पण के बाद उन्होंने आठ साल जेल में बिताए और रिहाई के बाद करहल में खेती शुरू कर दी थी। लेकिन उनका दबंग छवि आज भी ग्रमीणों के अंदर कायम है।
सिकरवार ने दी चेतावनी कहा- हाथ काट दूंगा
रमेश सिकरवार ने मीडिया से हुई वार्ता में शिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि किसी ने चीतों का शिकार किया तो हाथ काट दूंगा, मैंने अगर किसी के हाथ काटे तो जिम्मेदार प्रशासन होगा। जंगल के आसपास रहने वाले शिकारियों के हथियार तुरंत प्रशासन जमा करें। उन्होंने आगे कहा कि मैं अब बागी नहीं, लेकिन चीतों की सुरक्षा के लिए कुछ भी करूंगा क्योंकि उनके आने से हमारे क्षेत्र का विकास जुड़ा है।
चीतों के लेकर भयभीत ग्रामीणों को दी समझाइश
श्योपुर संभागीय वन अधिकार प्रकाश वर्मा के मुताबिक उन्होंने सिकरवार से अपनी चिंताओं के बारे अवगत कराया। इसके बाद से सिकरवार ने इस कार्य को एक मिशन के रूप में ले लिया। सिकरवार ने बताया कि ग्रामीण उनके पास आकर इन चीतों को लेकर पहले ही डर जाहिर कर चुके थे। सभी जंगल के आसपास रहने वाले ग्रामीण तेंदुए, काले हिरण और नील गाय से पहले ही परेशान हैं। ऐसे में सिकरवार लोगों के अंदर इसी भय को खत्म कर रहे हैं और इसके नतीजे भी सकारात्मक दिखाई दे रहे हैं।
दरअसल, मध्यप्रदेश में अफ्रीका से सरकार ने 8 चीते मंगाए हैं जो कि 17 सितंबर को चंबल संभाग स्थित श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में पहुंचे हैं। इसका उद्घाटन पीएम मोदी द्वारा किया जा चुका है। इसके साथ ही अगले 5 वर्षों के अंदर 50 चीतों को भारत लाने की भी योजना है।