शिवपुरी: मध्यप्रदेश के शिवपुरी से एक दुखद खबर सामने आई है, जिसने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। किसी अपने की मृत्यु होने के बाद हर किसी की चाह रहती है कि उसका शव घर पर पहुंच जाएं और अंतिम संस्कार अच्छे से हो जाएं लेकिन प्रदेश के रहने वाले एक युवक को उसकी पत्नी के शव को ले जाने के लिए पहले तो शव वाहन या एंबुलेंस नहीं मिली और जब वह ट्रेक्टर पर उसके शव को ले गया तो वह भी पानी में फंस गया, जिसके बाद काफी मशक्कत के बाद उसे निकाला जा सका।
अस्पताल में उपचार के दौरान हुई मौत
जानकारी के अनुसार ग्राम बण्डखेड़ा निवासी रामचरण आदिवासी की पत्नी सुमित्रा की अचानक तबीयत खराब हो गई। उल्टी-दस्त की शिकायत के चलते उसे बदरवास स्वास्थ्य केंद्र ले गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। रामचरण आदिवासी जब सुमित्रा की लाश को ट्रेक्टर-ट्राली में रखकर वापस अपने गांव लौट रहा था, तभी वार्ड क्रमांक-7 स्थित अंडर ब्रिज पर ट्रैक्टर-ट्राली पानी में फंस गई।
पांच घंटे की मशक्कत के बाद निकाला गया बाहर
जैसे ही युवक ट्रेक्टर सहित फंसा तो उसे निकालने के लिए लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। भीड़ ने जैसे-तैसे कुछ समय बाद रामचरण को तो निकाल लिया लेकिन उसकी पत्नी के शव को निकालने में पांच घंटे लग गए। महिला का शव तब तक ट्रेक्टर पर ही पड़ा रहा। शव को निकालते ही उसे अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। इस घटना ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर कड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।