---विज्ञापन---

झारखंड

Jharkhand: श्रावणी मेले में सुरक्षा को लेकर मुख्य सचिव ने की तैयारियों की समीक्षा, दिए ये निर्देश

रांची में श्रावणी मेला 11 जुलाई से शुरू हो रहा है और यह 9 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान लाखों से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसको लेकर विभिन्न स्तरों पर व्यापक तरीके से चल रही हैं।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Deepti Sharma Updated: Jul 2, 2025 20:30

रांची में राजकीय श्रावणी मेला 11 जुलाई से शुरू हो रहा है। यह 9 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान लगभग 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के बाबा नगरी और बाबा बासुकी नाथ धाम आने की संभावना है। श्रद्धालु बाबा धाम से सुखद अनुभव लेकर लौटें, इसकी तैयारियां विभिन्न स्तरों पर व्यापक तरीके से चल रही हैं। आज मुख्य सचिव अलका तिवारी ने तैयारियों को लेकर सभी संबंधित विभागों के प्रमुख और देवघर तथा दुमका के उपायुक्त, एसपी और अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा की।

इस दौरान ठोस निर्णय लिए गए और उसका अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जवाबदेही तय की गई। मुख्य सचिव का फोकस लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा पर थी। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि वे भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था पुख्ता बनायें। आपात स्थिति से निपटने के लिए जो जहां तैनात हों, वे प्रशिक्षित, जवाबदेह और संवेदनशील हों।

---विज्ञापन---

भगदड़ की स्थिति नहीं बने

मुख्य सचिव ने कहा कि भगदड़ की स्थित नहीं बने, इसके लिए तय मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करें। श्रद्धालु एक जगह अधिक संख्या में इकट्ठे न हों, इसके लिए ऐसी व्यवस्था बनाएं कि वे छोटे-छोटे समूह में रहें। सुरक्षा व्यवस्था में तैनात कर्मी शिफ्ट बदलने पर तभी अपना स्थान छोड़े, जब उनका विकल्प वहां आ जाए। भीड़ नियंत्रण के लिए एआई आधारित सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन आदि के फुटेज की लगातार मॉनिटरिंग हो और लगे कि कहीं भीड़ ज्यादा हो रही है, तो बिना समय जाया करे तत्काल उसे नियंत्रित करें।

आने-जाने की अलग व्यवस्था हो

इसके अलावा यह सुनिश्चित करें कि श्रद्धालुओं का मार्ग समतल हो, ताकि ठोकर लग कर गिरने की आशंका खत्म हो जाए। जहां सीढ़ी आदि हो वहां फिसलन नहीं हो। श्रद्धालुओं के आने-जाने की अलग व्यवस्था हो। अचानक बिजली गुल नहीं हो। बिजली कटने के साथ उसकी पुनर्बहाली की वैकल्पिक व्यवस्था भी तैयार रखें। कहीं भी बिजली का नंगा तार नहीं हो और वह नीचे की ओर झूलता हुआ नहीं हो।

---विज्ञापन---

इंट्री पवाइंट पर मेटल डिटेक्टर से लोगों को गुजारने के दौरान इसका विशेष ध्यान रखा जाए कि वहां अत्यधिक भीड़ की स्थिति नहीं बने। वहीं पूर्व में मंदिर का कपाट खुलने के साथ भीड़ का दबाव बढ़ने का अनुभव रहा है। इसे देखते हुए जिले के उपायुक्त और एसपी उस समय अपनी मौजूदगी सुनिश्चित करते हुए व्यवस्था नियंत्रण की बागडोर संभाले। साथ ही रविवार और सोमवार को श्रद्धालुओं की तदाद काफी बढ़ती है, इसे भी संज्ञान में रखते हुए व्यवस्था बनायें। उन्होंने निर्देश दिया कि आपात विभाग से जुड़े मुख्यालय के आला अधिकारी मौके पर जाकर तैयारियों का जायजा लें और कमियों को समय रहते दुरुस्त कराएं।

स्वच्छता पर पूरा फोकस करें

मुख्य सचिव ने तैयारियों की समीक्षा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध सुविधाओं के रख-रखाव पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि कि बारिश के मौसम को देखते हुए स्वच्छता पर पूरा फोकस करें। शुद्ध पेयजल की उपलब्धता बनी रहे। श्रद्धालुओं के लिए बने टेंट सिटी में शौचालय, पेयजल, शयन आदि की व्यवस्था के लगातार मेंटेनेंस पर बल देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि इसके लिए कारगर व्यवस्था बनाएं।

माननीय मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार श्रद्धालुओं के लिए डिस्पोजल बेड कवर की व्यवस्था समय रहते सुनिश्चित कर लें। वहीं श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जगह-जगह होर्डिंग आदि के माध्यम से यातायात, चिकित्सा, विश्राम स्थलों आदि की सूचना प्रचारित-प्रसारित करें। शिकायत और सुझाव के लिए क्यूआर कोड की व्यवस्था को भी तमाम जगहों पर उपलब्ध कराएं। इसके अलावा समीक्षा के दौरान कावंरिया पथ समेत बाबा नगरी और बासुकी नाथ धाम की सड़कों, श्रद्धालुओं के आवासन, ट्रैफिक व्यवस्था, अग्निशमन व्यवस्था, एंबुलेस और चिकित्सा व्यवस्था, स्ट्रीट लाइट इत्यादि पर भी संबंधित लोगों को निर्देशित किया गया।

First published on: Jul 02, 2025 08:30 PM

संबंधित खबरें