रांची से विवेक चंद्र: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नक्सलियों के गढ़ रहे बूढ़ा पहाड़ पहुंचकर बूढ़ा पहाड़ डेवलपमेन्ट प्रोजेक्ट की शुरुआत की। इस प्रोजेक्ट के तहत एक सौ करोड़ रुपए से इस क्षेत्र में सभी मूलभूत जरूरी अनिवार्य और बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री इस मौके पर कहा कि गढ़वा जिले के टेहरी पंचायत के बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में अब गोलियों की तड़तड़ाहट नहीं विकास की गूंज सुनाई देगी। हेमंत सोरेन बूढ़ा पहाड़ पहुंचने वाले पहले मुख्यमंत्री हैं। (Hemant Soren) इससे पहले यहां कोई भी मुख्यमंत्री अब तक नहीं पहुंचा था।
मुख्यमंत्री ने बूढ़ा पहाड़ में स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि (Hemant Soren) कभी यह इलाका माओवादियों के खौफ का गवाह था। पूरे इलाके को माओवादियों ने अपने कब्जे में कर रखा था । लेकिन, हमारे सुरक्षाबलों ने माओवादियों को कड़ी चुनौती देते हुए पूरे क्षेत्र को नक्सल मुक्त करा लिया है।
आज हम सभी यहां एकत्रित हुए हैं और विकास की एक नई शुरुआत करने जा रहे हैं। आने वाले दिनों में यह इलाका भी विकास के मामले में मील का पत्थर साबित होगा।
भटके हुए नौजवान लौटे मुख्य धारा में
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जिस भी वजह से नौजवानों ने भटकाव की राह पकड़ी हो। उनसे मेरा कहना है कि वे मुख्यधारा में वापस आएं। मुख्यधारा से भटकना किसी समस्या का समाधान नहीं है मुख्यधारा में रहकर ही आप बेहतर और सुरक्षित जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
साथ छोड़े बंदूक का
ग्रामीणों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बंदूक के बल पर आप कुछ देर के लिए डर और खौफ का माहौल तो पैदा कर सकते हैं, लेकिन यह ना तो आप के हित में है और ना ही समाज के। आप बंदूक का साथ छोड़ें और सरकार के साथ जुड़े।
सरकार आज आपके द्वार आ कर आपको योजनाओं से आच्छादित करने का काम कर रही है। इन योजनाओं से जुड़कर मान सम्मान और स्वाभिमान से जीने का रास्ता चुनें।
बेहतर आत्मसमर्पण नीति है
हेमंत ने कहा कि आज सरकार के पास मुख्यधारा से भटके हुए लोगों के समर्पण हेतु बेहतर पॉलिसी है। उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार उनके विकास के लिए सरकार की योजनाओं से लाभान्वित तो कराती ही है साथ ही उनके परिवार के साथ रहने के लिए ओपन जेल और उनके बच्चों के पढ़ाई के लिए भी पूरी व्यवस्था कर रही है।
मुख्यमंत्री ने महिलाओं की तारीफ करते हुए कहा कि आज समाज में बदलाव आ रहा है। पुरुष और महिलाएं किसी भी मायने में एक- दूसरे से कम नहीं है। मुख्यमंत्री ने वन उत्पादों एमएसपी तय करने की बात भी कहीं।
जल-जंगल-जमीन के लिए पूर्वजों ने कुर्बानी तक दी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे कई पूर्वजों ने जल-जंगल-जमीन के संरक्षण के लिए अपने प्राण तक कुर्बान कर दिए थे। उन्होंने कहा कि उनके पिता दिशोम गुरु श्री शिबू सोरेन ने झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने के लिए आदिवासियों को एकत्रित कर लंबा संघर्ष किया था। कई आंदोलनकारियों ने अपनी शहादत दे दी थी।
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उन्होंने कोने कोने में जाकर लोगों को जागरूक करने का काम किया। इस हेतु तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने उन्हें सम्मानित भी किया था। आज हमे अपने पूर्वजों के सपनो के अनुरूप झारखंड का नव निर्माण करना है।
ग्रामीणों की सुनी समस्याएं, साथ में बैठकर भोजन किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने मुझे सरकार बनाने का मौका दिया है। आपकी समस्याओं का समाधान करना हमारी जिम्मेदारी है। इस मौके पर लोगों ने अपनी समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने मौजूद पदाधिकारियों को इनकी समस्याओं के निराकरण के लिए पहल करने का निर्देश दिया। इस क्रम में मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों के साथ मिलकर भोजन भी किया।
175 योजनाओं का शुभारम्भ किया
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बूढ़ा पहाड़ डेवलपमेन्ट प्रोजेक्ट के तहत 5 करोड़ के लागत की कुल 175 योजनाओं का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 429 लाभुकों के बीच 1 करोड 25 लाख 81 हजार 303 रूपये की परिसम्पतियों का वितरण भी किया।
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