Bats Death In Jharkhand : देश में भीषण गर्मी से हाहाकार मचा है। सूरज की तपिश में इंसानों के साथ पशु-पक्षी भी मर रहे हैं। झारखंड में अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया, जिससे चमगादड़ों की मौत हो रही है। अब लोग मरे हुए चमगादड़ों को खा रहे हैं। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। अब बड़ा सवाल उठता है कि चमगादड़ खाने से क्या देश में फिर कोरोना जैसी महामारी फैल सकती है।
झारखंड के कई जिलों में आसमान से आग बरस रही है, जिससे झुलसकर सैकड़ों चमगादड़ मर गए। रांची, हजारीबाग और गढ़वा में सबसे ज्यादा चमगादड़ों की मौतें हुई हैं, जहां अधिकतम तापमान 45 डिग्री से 48 डिग्री सेल्सियस के बीच है। गढ़वा जिले के सुंडीपुर गांव में लोग अब मरे हुए चमगादड़ को खाने लगे हैं।
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अब महामारी की सता रही चिंता
इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग और ग्रामीणों को महामारी फैलने की चिंता सता रही है। स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने गांव पहुंचकर 27 ग्रामीणों को चेकअप किया। डॉक्टरों की जांच में सभी ग्रामीण स्वस्थ पाए गए। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि चमगादड़ खाने वाले ग्रामीणों को आइसोलेट करने पर विचार चल रहा है। साथ ही गांव में स्वास्थ्य शिविर भी लगाए गए। इस दौरान मृत पाए गए चमगादड़ों को दफना दिया गया।
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मरे हुए चमगादड़ों के सैंपल किए गए एकत्रित
पशुपालन विभाग की टीम भी गांव पहुंची और चमगादड़ों की मौत की वजह जानने के लिए सैंपल एकत्रित किए। इसे लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि कोरोना महामारी आने के बाद लोगों ने चमगादड़ का मांस खाना छोड़ दिया था। अब फिर लोग इसका सेवन करने लगे हैं।