रांची: दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तर्ज़ पर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन भी सोमवार को विस्तारित मानसून विधानसभा सत्र में विश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे। संसदीय मामलों के मंत्री आलमगीर आलम ने मीडिया को बयान देते हुए कहा कि भाजपा नेताओं के ट्वीट से राजनीतिक अनिश्चितता की हवा पैदा हुई है, हमें एक बार और सभी के लिए इस अनिश्चितता को दूर करने की आवश्यकता है।
अपने बयान में आलम ने आगे जोड़ा, “हमारे पास 81 सदस्यीय सदन में बहुमत में रहने के लिए जनादेश और आवश्यक संख्या है। सरकार सभी को बताना चाहती है कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को बहुसंख्यक विधायकों और विशेष रूप से आम मतदाताओं का समर्थन प्राप्त है।”
उन्होंने कहा कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार ने यह साबित करने के लिए अपने दम पर विश्वास प्रस्ताव पेश किया कि राष्ट्रीय राजधानी में ‘ऑपरेशन कमल’ विफल हो गया है। हम यहां वही कर रहे हैं।”
राज्य में यूपीए सरकार उसी दिन से चौकन्नी हो गई है, जब सीएम हेमंत सोरेन के लाभ के पद के मामले में चुनाव आयोग का पत्र कथित तौर पर राजभवन पहुंचा। हालांकि इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई, यह सूचना विभिन्न मीडिया घरानों में लीक हो गई।
आलम ने कहा, “राजभवन लंबे समय तक चुप रहा, लेकिन बाद में यूपीए के एक प्रतिनिधिमंडल के गुरुवार को मुलाकात करने के बाद राज्यपाल रमेश बैस ने चुनाव आयोग से पत्र प्राप्त करना स्वीकार किया। राज्यपाल हमारे मिलने के एक दिन बाद दिल्ली पहुंचे, यह दर्शाता है कि भाजपा इस समय विधायकों की खरीद-फरोख्त में जुटे हैं।”
माना जा रहा है कि इस विशेष सत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सदन में सरकार का बहुमत सिद्ध करने के साथ ही कुछ और अहम फैसले इस बैठक में ले सकते हैं।
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यूपीए विधायक विशेष विमान से रांची लौटे
विधानसभा के इस विशेष सत्र में शामिल होने के लिए रायपुर गए यूपीए विधायक भी विशेष विमान से रांची लौटा गए हैं। इन विधायकों को रांची के सर्किट हाउस में रखा गया है। देर रात तक मुख्यमंत्री सर्किट हाउस में विधायकों के साथ विशेष सत्र को लेकर विचार-विमर्श करते रहे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी ने उनके खिलाफ जाल बिछाया है लेकिन ये सारे जाल कुतरे जाएंगे।
बीजेपी ने बुलाई विधायकों की बैठक
इधर बीजेपी प्रदेश कार्यालय में भी विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर विधायकों की बैठक बुलाई गई। इस बैठक में विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई गई। कुल मिलाकर यह विशेष सत्र झारखंड की राज और राजनीतिक दोनो की दिशा तय करेगा।
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