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Maharashtra News: रामदास कदम मंत्री बने तो शिंदे गुट की शिवसेना में पड़ सकती है दरार? पढ़ें- ये रिपोर्ट

विनोद जगदाले, मुंबईः महाराष्ट्र में एक ओर जहां मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर रोज तारीख पर तारीख सामने आ रही है वैसे ही शिंदे गुट में मंत्री पद पाने के लिए चल रही रस्साकशी सामने आ रही है। सीएम एकनाथ शिंदे के समर्थन में सामने आगे आये शिवसेना के नेता रामदास कदम नयी सरकार में कैबिनेट […]

Edited By : Nitin Arora | Updated: Aug 6, 2022 18:20
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विनोद जगदाले, मुंबईः महाराष्ट्र में एक ओर जहां मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर रोज तारीख पर तारीख सामने आ रही है वैसे ही शिंदे गुट में मंत्री पद पाने के लिए चल रही रस्साकशी सामने आ रही है। सीएम एकनाथ शिंदे के समर्थन में सामने आगे आये शिवसेना के नेता रामदास कदम नयी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनना चाहते हैं। उन्होंने अपनी इच्छा भी सीएम के सामने रख दी है। हालांकि, शिंदे के समर्थन में आये शिवसेना के ज़्यादातर सभी विधायक रामदास कदम को मंत्री नहीं बनता देखना चाहते। रामदास कदम का नाम मंत्री की रेस में आने से शिंदे गुट के विधायकों में नाराज़गी है।

पद कम थे, लेकिन कदम रहे मंत्री
2014 से 2019 के बीच भाजपा के साथ सत्ता में बैठी शिवसेना ने गठबंधन में मंत्रिपद कम होते हुए भी सुभाष देसाई, रामदास कदम, दिवाकर रावते और डॉ दीपक सावंत सभी को विधान परिषद के सदस्यों को कैबिनेट मंत्री बनाया था। तब शिवसेना के 50 से भी ज़्यादा विधायकों ने इसके ख़िलाफ़ अपनी आवाज़ उठायी थी। हालांकि, उद्धव के सामने इनकी एक ना चली।

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वहीं, 2019 में महाविकास अघाडी का प्रयोग किया गया तो उद्धव ठाकरे सीएम बने। उद्धव ने तब विधान परिषद के सदस्य सुभाष देसाई और अनिल परब को कैबिनेट मंत्री बनाकर मंत्री बनने की आस लगाए बैठे शिवसेना के विधान सभा सदस्यों के उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

कदम के बेटे ने भी की बगावत
शिवसेना से बगावत कर बैठे 41 विधायकों में से एक रामदास कदम के बेटे योगेश कदम भी शामिल है। रामदास को पता है कि बेटा पहली बार विधायक बना है तो मंत्री बनने के आसार ना के बराबर है। ऐसे में खुद मंत्री बनने की आस रामदास कदम को है। शिंदे गुट के विधायकों का कहना है कि शिवसेना को असल में ज़्यादा नुक़सान विधान परिषद के विधायकों ने मंत्री बनने के बाद पहुंचाया है। साथ ही विधानसभा से जीतने वाला विधायक डेढ़ लाख से तीन लाख वोट पाता है तो उसे मंत्री बनाना चाहिए न की विधान परिषद के सदस्यों को।

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दरअसल, रामदास कदम मंत्री बने तो उन्हें अगले 6 महीने में विधान परिषद का सदस्य होना पड़ेगा। मतलब साफ है कि रामदास कदम मंत्री तो बनेंगे और विधान परिषद के सदस्य भी और यहीं बात शिंदे गुट के विधायकों को रास नहीं आ रही।

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Written By

Nitin Arora

First published on: Aug 06, 2022 06:20 PM

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