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Honour Killing: धोखे से बेटी-प्रेमी को बुलाकर दफना दिया था आंगन में, कोर्ट ने दी सजा-ए-मौत, जानें पूरा मामला

Honour Killing: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बदायूं (Badaun) जिले में ऑनर किलिंग (Honour Killing) के एक मामले में जिला न्यायालय (District Court) ने दंपति समेत चार लोगों को मौत की सजा (Death Sentence) सुनाई है। बदायूं जिले के वजीरगंज इलाके में वर्ष 2017 में दंपत्ति ने अपनी बेटी और उसके प्रेमी (Lover) को घर […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Sep 26, 2022 11:28
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Rajasthan High Court order
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Honour Killing: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बदायूं (Badaun) जिले में ऑनर किलिंग (Honour Killing) के एक मामले में जिला न्यायालय (District Court) ने दंपति समेत चार लोगों को मौत की सजा (Death Sentence) सुनाई है। बदायूं जिले के वजीरगंज इलाके में वर्ष 2017 में दंपत्ति ने अपनी बेटी और उसके प्रेमी (Lover) को घर में बंधक बनाकर कुल्हाड़ी से काट डाला था। दोनों के शवों को घर के आंगन में ही दफना दिया था। इसी मामले में कोर्ट में सुनवाई चल रहा थी। जिस पर जिला न्यायाधीश पंकज कुमार अग्रवाल की अदालत ने गुरुवार को एक माता और पिता समेत चार लोगों को मौत की सजा सुनाई है।

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2017 में बदायूं में हुई थी प्रेमी युगल की निर्मम हत्या

मामला वर्ष 2017 का है। उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में माता-पिता ने अपने दो रिश्तेदारों के साथ मिलकर 19 वर्षीय आशा और उसके प्रेमी 23 वर्षीय गोविंद कुमार की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी। सामने आया था कि दोनों एक समुदाय के थे। दोनों प्यार करते थे, लेकिन परिवार वाले इसके खिलाफ थे। बताया गया है कि इस कारण आशा और गोविंद घर से चले गए थे। कुछ दिनों बाद आशा के पिता ने दोनों की शादी तय करने के बहाने घर वापस बुला लिया था। इसके बाद दोनों को घर में रस्सी से बांध दिया और कुल्हाड़ी से काट कर दोनों की हत्या कर दी। आरोपियों ने दोनों के शवों को घर के आंगन में ही दफना दिया।

पुलिस ने दोनों के शवों को किया था बरामद

घटना की जानकारी होने पर पुलिस ने माता-पिता समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। आरोपियों की निशानदेही पर प्रेमी युगल के शवों को आरोपी के घर के आंगन को खोद कर बरामद किया था। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। साथ ही मामले की जांच शुरू की गई। पुलिस ने भी इस मामले में माता-पिता समेत चार लोगों के खिलाफ चार्जशीट लगाई थी। जिला सरकारी वकील अनिल सिंह राठौर ने समाचार एजेंसी को बताया कि 14 मई, 2017 को आशा और उसके प्रेमी गोविंद की हत्या आशा की मां जलधारा, पिता किशन लाल, रिश्तेदार विजय पाल और रामवीर ने मिलकर की थी।

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पड़ोसी ने देखी वारदात तो पिता को बताया

आरोपियों ने शवों को घर में ही दफना दिया था, लेकिन एक पड़ोसी ने उन्हें यह सब करते हुए देख लिया और गोविंद के पिता पप्पू लाल को सूचना दी। पीड़ित पिता की तहरीर पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए शवों को बरामद किया। इसके बाद चारों आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा। उन्होंने आगे कहा कि पुलिस ने इस मामले में चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।

मां का भी क्रूर चेहरा सामने आया

अदालत ने इसे वीभत्स हत्या करार दिया। सबूतों और चश्मदीदों की गवाही के आधार पर आशा की मां समेत चारों आरोपियों को मौत के सजा सुनाई। वहीं अतिरिक्त जिला सरकारी वकील अतुल कुमार सिंह ने बताया कि यह एक बहुत ही दुर्लभ निर्णय है, क्योंकि इस मामले में लड़की (आशा) की मां का भी क्रूर चेहरा सामने आया था। इसी कारण सभी को इतनी कठोर सजा दी गई है।

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First published on: Sep 23, 2022 01:57 PM

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