Shimla Sees Record 40-Year Drop In Hotel Occupancy on New Year’s Eve: मैदान में छुट्टियों का सीजन हो तो शिमला में भीड़ लगना एक तरह से तय माना जाता है और मौका नए साल का हो तो क्या ही कहना। लेकिन इस बार तस्वीर बहुत अलग है। पहाड़ों की रानी के नाम से मशहूर शिमला में इस बार नए साल की पूर्व संध्या पर करीब आधे होटल खाली हैं। ऐसा पिछले 40 साल में पहली बार हुआ है।
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यहां वीकेंड पर बर्फबारी होने की उम्मीद भी जताई जा रही थी। प्रशासन ने शराब के नशे में धुत लोगों को ज्यादा परेशान न करने का निर्देश भी दिया था। लेकिन फिर भी शिमला उस हिसाब से पर्यटकों को लुभा नहीं पाया। नए साल की पूर्व संध्या पर यहां केवल 50-60 प्रतिशत होटल ही बुक हुए। जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 80 प्रतिशत से ज्यादा था।
माल रोड और द रिज में लोगों की चहलकदमी तो खूब हुई लेकिन होटल बुकिंग पर इसका कोई खास असर नहीं देखने को मिला। पिछले साल के अनुभव से स्थानीय लोगों को बड़ी संख्या में यहां पर्यटकों के आने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। यहां तक कि कोविड-19 के दौरान भी नए साल पर इससे ज्यादा होटल बुक हुए थे।
क्यों खाली रह गए शिमला के होटल
शिमला होटल एंड टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एमके सेठ का कहना है कि गैर पंजीकृत टूरिज्म यूनिट्स रजिस्टर्ड होटल्स पर असर डाल रही हैं। इसके पीछे का एक कारण यह भी है कि कई टूरिस्ट बहुत भीड़भाड़ वाली जगह जाना पसंद नहीं करते हैं। जबकि शिमला बहुत लोकप्रिय है और बड़ी संख्या में लोग यहां आने लगे थे।
वहीं, इस साल हिमाचल प्रदेश में आई बाढ़ और बादल फटने की घटनाएं भी इसके पीछे जिम्मेदार हो सकती हैं। कई पर्यटक अब कुल्लू में पार्वती वैली जैसी जगहों का रुख कर रहे हैं जो कम एक्सप्लोर की गई है और काफी खूबसूरत भी हैं। नए साल पर कई लोग बर्फबारी देखना चाहते हैं। शिमला में भी वीकेंड पर बर्फबारी होने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। यह भी पर्यटकों की संख्या कम रहने की एक वजह हो सकती है।
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