Pathar Mela Dhami Special Tradition: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से सटे धामी क्षेत्र में दिवाली के अगले दिन एक बेहद खास परंपरा निभाई जाती है। यहां राज दरबार में नरसिंह भगवान मंदिर और देव कूर्गण की पूजा-अर्चना करने के बाद ऐतिहासिक पत्थर मेले शुरू होता है। इस मेले में युवा एक-दूसरे पर जमकर पत्थर बरसाते हैं। हर बार की तरह इस बार भी राज दरबार से राजवंश के उत्तराधिकारी कंवर जगदीप सिंह की अगुवाई में मेला शुरू किया गया। सबसे पहले उत्तराधिकारी कंवर जगदीप सिंह ने मेला स्थल तक शोभा यात्रा निकाली। इसके बाद मां काली के मंदिर में पूजा की गई। इसके बाद राजवंश धमेड की तरफ से पत्थर फेंकर इस ऐतिहासिक पत्थर मेले धामी को शुरू किया गया।
25 मिनट तक चला पत्थर मेला
कंवर जगदीप सिंह आदेश के बाद शुरू हुए पत्थर मेले धामी में पहाड़ी और सड़क पर खड़ी धमेड और जमोगी समुदाय की टोलियां एक-दूसरे पर जमकर पत्थर बरसाती दिखाई दी। इस साल ये पत्थर मेले धामी करीब 25 मिनट तक चलता रहा, दोनों तरफ से पत्थरों की बौछार हुई। जब धमेड को ओर से पत्थर बरसाए शुरू हुए तो जमोगी का युवक घायल हो गया। इसके बाद आयोजकों ने खेल बंद करने का इशारा किया। इसके बाद देखते ही देखते शोर मचा, ढोल नगाड़ों के साथ खेल चौरा में नाटी और दोनों टोलियों के लोग नाचने-गाने और झूमने लगे। इसके बाद हुक्म से बह रहे रक्त से सती स्मारक पर तिलक किया गया और इसके बाद हुक्म सहित आयोजन कमेटी सदस्यों ने काली माता मंदिर में माथा टेका।
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क्षेत्र की खुशहाली लगता है पत्थर मेला
कंवर जगदीप सिंह ने कहा कि सदियों से इस पर्व को मनाया जा रहा है जब मानव बलि दी जाती थी। धामी क्षेत्र की खुशहाली के लिए इस पर्व को मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि जब धामी क्षेत्र के राजा का निधन हुआ था उस वक्त रानी भी सती हो गई थी। ऐसी मान्यता है कि यहां पर दूर से पत्थर बरसाए जाएंगे और जो उस पत्थरबाजी में घायल युवक का रक्त निलेगा उस रक्त को भद्र काली को रक्त चढ़ाया जाएगा। मानव बलि के बाद यहां पर इस खेल का आयोजन किया जाता है। नरसिंह मंदिर में पूजा के पश्चात इस खेल को शुरू किया जाता है। पहला पत्थर राजपरिवार की ओर से फेंक कर इस खेल को शुरू किया जाता है। जगदीप सिंह ने बताया कि लोग श्रद्धा और निष्ठा से इस परंपरा को निभाते हैं। इस पर्व में धामी, शहराह, कालीहट्टी, सुन्नी अर्की दाड़लाघाट, चनावग, पनोही और शिमला के आसपास के एरिया के लोग भी भाग लेते हैं।