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हरियाणा

भूखा रहा… ‘झेले करंट के झटके’, अमेरिका से डिपोर्ट हुए रॉबिन हांडा ने सुनाई दर्दनाक दास्तां

US Deport Indians : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद बुधवार (5 फरवरी) को अमेरिकी सैन्य विमान C-17 के जरिए 104 भारतीय अप्रवासियों को वापस भारत भेज दिया गया है। इन्हीं में से एक हैं कुरुक्षेत्र के ईस्माइलाबाद कस्बे के रॉबिन हांडा, जिन्होंने अपनी आपबीती सुनाई।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Feb 6, 2025 19:38
Robin Handa from Kurukshetra Who deported from America
अमेरिका से डिपोर्ट हुए रॉबिन हांडा।

Indians deported from USA:  अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश से अवैध अप्रवासियों को डिपोर्ट करना शुरू कर दिया है। अमेरिका ने अपने सैन्य विमान C-17 से 5 फरवरी को 104 भारतीय अप्रवासियों को वापस भारत भेजा। इन्हीं में से एक धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के ईस्माइलाबाद कस्बे के रॉबिन हांडा ने अमेरिका से डिपोर्ट होने के बाद घर पहुंच कर अपनी दर्दनाक दास्तां सुनाई।

45 लाख रुपये लगाकर गए थे अमेरिका

बुधवार को अमेरिका से डिपोर्ट होकर 104 भारतीय भारत पहुंचे, जिसमें हरियाणा के 33 लोग शामिल हैं। इसमें हरियाणा के करनाल और कुरुक्षेत्र जिले के करीब एक दर्जन लोग शामिल हैं। अमेरिका से डिपोर्ट हुए कुरुक्षेत्र के ईस्माइलाबाद कस्बे के रॉबिन हांडा ने बताया कि वह 45 लाख रुपए लगाकर अमेरिका गए थे। इसके लिए उन्होंने अपनी पुश्तैनी जमीन भी बेच दी थी। अमेरिका भेजने के दौरान एजेंट ने उनको एक महीने का समय दिया था और कहा था कि इस दौरान वह अमेरिका पहुंच जाएगा। लेकिन, उन्हें अमेरिका पहुंचने में 7 महीने का समय लगा।

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जंगल और समुद्र के रास्ते भेजा गया

रॉबिन हांडा ने बताया, इस दौरान जंगल और समुद्र समेत कई जगह से होकर डोंकी के रास्ते अमेरिका भेजा गया था। उन्होंने बताया कि जब वह डोंकी रूट पर थे, उस दौरान उनके साथ काफी बुरा व्यवहार किया जाता था। उनको प्रताड़ित किया जाता था और परिवार से पैसे मंगवाने के लिए बोला जाता था। कई दिनों तक हमें भूखा रखा जाता था। इतना ही नहीं, बिजली के करंट के झटके भी दिए जाते थे। जब हम जंगल से होते हुए डोंकी रूट से अमेरिका जा रहे थे तब हमने वहां पर लोगों के गले-सड़े शव देखे, जो घर से तो अमेरिका जाने के लिए निकले थे। लेकिन, वह डोंकी रूट पर बीच में ही मर गए।

समुद्री रास्ते से ब्राजील से ले जाया गया

रॉबिन हांडा ने बताया कि उन्होंने बीते साल 12वीं कक्षा पास की थी। इसके बाद 18 जुलाई 2023 को वह विदेश के लिए रवाना हुआ था। उन्हें 22 जुलाई को दिल्ली से मुंबई पहुंचाया गया। वहां से गुयाना, ब्राजील, पेरू, एक्वागेर भेजा गया। इसके बाद समुद्री रास्ते से ब्राजील से ले जाया गया।

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काफी दिनों से बेटे से बंद थी बातचीत : रॉबिन के पिता

पीड़ित के पिता मनजीत हांडा ने बताया कि काफी दिनों से बेटे से बातचीत होनी भी बंद हो चुकी थी। परिवार उस समय सन्न रह गया जब उन्हें पता चला कि सैन्य विमान रॉबिन को लेकर अमृतसर हवाई अड्डे पर पहुंचा है। रॉबिन हांडा और उसके परिवार ने अपनी दुख भरी कहानी बताते हुए कहा कि वह जिस सपने को लेकर अमेरिका गया था, वह पूरे नहीं हुए और उसके साथ-साथ उनके लाखों रुपये का नुकसान भी हो गया। बता दें कि यह अकेले रॉबिन की कहानी नहीं है बल्कि यह हरियाणा के करीब 33 लोगों की कहानी है, जो अपनी जमीन और घर बेचकर अमेरिका गए थे और अब उन्हें डिपोर्ट करके वापस उनके घर भेज दिया गया है।

First published on: Feb 06, 2025 07:38 PM

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