एक मजदूर रातों रात करोड़पति बन गया। उसके बैंक खाते में 200 करोड़ रुपए जमा हुए। जैसे ही मजदूर को यह बात पता चली तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा, लेकिन 200 करोड़ का मालिक बनने की खुशी पलभर में मातम में भी बदल गई, क्योंकि बैंक खाते में इतनी बड़ी ट्रांजेक्शन होने के बाद उसके साथ जो हुआ, जानकर कोई भी यकीन नहीं कर पाएगा।
मामला हरियाणा के चरखी दादरी जिले का है। गांव बेरला के रहने वाले विक्रम के खाते में 200 करोड़ जमा हुए, लेकिन इन पैसों ने उसे पुलिस के झमेले में फंसा दिया। पुलिस ने विक्रम का बैंक खाता होल्ड करा दिया है। साथ ही उससे पूछताछ भी शुरू कर दी है। वहीं विक्रम ने बैंक खाता होने से इनकार करते हुए पुलिस की रेड नकली होने के आरोप लगाए हैं।
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UP पुलिस विक्रम के घर पहुंची
8वीं पास विक्रम ने बताया कि 2 सितंबर की सुबह अचानक उसके घर UP पुलिस आई। एक इंस्पेक्टर, एक सब इंस्पेक्टर और एक कांस्टेबल आए और बताया कि उसके खाते में 200 करोड़ की ट्रांजेक्शन हुई है। विक्रम ने इससे इनकार किया। विक्रम ने उन्हें बताया कि उसका न तो यस बैंक का खाता है और न ही उसका किसी से कोई लेन-देन है। यह सुनकर वे उसे हिरासत में लेकर अपने साथ ले जाने लगे। हंगामा होते देखकर ग्रामीण घर के बाहर जुट गए।
पुलिस ने ठगी करने के आरोप लगाए
विक्रम के अनुसार, पुलिस ने उस पर धोखाधड़ी करने के आरोप लगाए। वहीं पुलिस बिना नोटिस और वारंट के उसके घर में घुसी। लोकल पुलिस को भी उस टीम ने अपने साथ नहीं लिया था। पुलिस ने विक्रम पर फोन करके 60 हजार UP के किसी सोनी से 60 हजार जबरन मांगने के आरोप लगाए। उसकी कॉल को विक्रम को गिरफ्तार करने का आधार बताया, जबकि नंबर विक्रम का नहीं, बल्कि उसके साथ कंपनी में काम करने वाले विवेक का था।
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बैंक जाकर पता चला असली सच
विक्रम के अनुसार, पुलिस के घर से जाने के बाद वह तुरंत रिश्तेदार को लेकर पिलानी स्थित यस बैंक की ब्रांच में पहुंचा। यहां उसने पुलिस के बताए अकाउंट नंबर की डिटेल चैक कराई तो खाते में 200 करोड़ जमा होने की पुष्टि हुई। साथ ही पता चला कि पुलिस ने खाता और पैसे होल्ड करा दिए हैं। पैसे गुजरात पुलिस ने होल्ड कराए हैं। UP पुलिस की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है। चरखी दादरी थाना पुलिस ने भी ऐसी किसी रेड से इनकार कर दिया।
UP पुलिस के नकली होने का शक
विक्रम ने शक जताया कि घर पूछताछ करने आई पुलिस के साथ लोकल पुलिस नहीं थी। कोई नोटिस या वारंट भी नहीं था। वहीं बाढड़ा DSP देशराज ने मामले और रेड की जानकारी होने से इनकार किया है। ऐसे में उसे शक है कि रेड करने आई पुलिस नकली है। ठगों का गिरोह भी हो सकता है, जो ग्रामीणों के एकजुट होने के बाद कमजोर पड़ गया। वहीं अगर ग्रामीण नहीं आते तो पता नहीं वे तीनों उसके साथ क्या करते, क्या नहीं।
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विक्रम को डॉक्यूमेंट के दुरुपयोग का खतरा
विक्रम ने अपने निजी दस्तावेजों के दुरुपयोग होने का खतरा जताया है। विक्रम ने बताया कि उसने 2 महीने रेवाड़ी में बिलासपुर चौक पर एक्सप्रेस-20 नंबर कंपनी में नौकरी की। यहां कंपनी ने सैलरी के लिए यस बैंक अकाउंट खुलवाया। उसके लिए कंपनी ने उनसे डॉक्यूमेंट लिए थे, लेकिन अकाउंट खुलवाने के लिए बैंक ने अपना नंबर एड कराया। 2-4 दिन बाद कंपनी ने कहा कि यस बैंक अकाउंट नहीं खुल पाएगा, आप दूसरा बैंक अकाउंट दे दीजिए।
विक्रम के अनुसार, उसके दूसरे बैंक अकाउंट की डिटेल उन्हें दे दी। इस अकाउंट में सैलरी भी आ गई, लेकिन 2 महीने बाद उसने कंपनी छोड़ दी और मजदूरी करने लगा। अब अचानक यह 200 करोड़ का झमेला हुआ तो लगता है कि कंपनी ने अपने फायदे के लिए उसके डॉक्यूमेंट का दुरुपयोग किया है। विक्रम का कहना है कि वह पुलिस को शिकायत देकर मामले की जांच पड़ताल कराएगा।