Haryana Illegal Sale Abortion Kits: हरियाणा के मेडिकल सेक्टर से जुड़ा एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां कई जिलों में स्वास्थ्य विभाग और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की टीम ने संयुक्त ऑपरेशन के तहत छापेमारी की, जिसमें टीम को प्रतिबंधित 19 एमटीपी किट के साथ-साथ कई अलग-अलग अनऑथराइज्ड एलोपैथिक दवाएं मिलीं। इसके बाद 9 FIR दर्ज की गईं, 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 4 मेडिकल दुकानों को सील कर दिया गया।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) की तरफ से हरियाणा में MTP (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी) किट की ऑनलाइन अवैध बिक्री को लेकर राज्यव्यापी कार्रवाई की जा रही है। इसमें अवैध बिक्री में शामिल फिजिकल और ऑनलाइन दोनों प्लेटफार्मों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है।
क्या है MTP किट?
MTP किट 5 गोलियों का एक पैक है, जिसमें मिफेप्रिस्टोन की एक गोली और मिसोप्रोस्टोल की चार गोलियां होती हैं। ये दोनों दवाएं शेड्यूल-एच की दवाएं हैं, जिन्हें बिना मान्यता प्राप्त डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के नहीं बेचा जा सकता है। इस बात की जानकारी साफ तौर पर एमटीपी किट के लेबल और पैकिंग पर भी दी गई है। किट के लेबल पर चेतावनी दी गई है कि इसका इस्तेमाल सिर्फ स्त्री रोग विशेषज्ञ की देखरेख में किया जाना चाहिए।
क्या बोले स्वास्थ्य अधिकारी?
एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि एमटीपी किट की ऑनलाइन बिक्री पूरी तरह से अवैध है। इन दवाओं का इस्तेमाल सरकारी अस्पतालों और मान्यता प्राप्त प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों की निगरानी में किया जाता है। कानून के अनुसार, डॉक्टर भी इसका उपयोग सिर्फ 9 हफ्ते तक के शुरुआती मेडिकल प्रेग्नेंसी को खत्म करने के लिए कर सकते हैं। मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट 1971/2021 एमटीपी किट का उपयोग करके 9 हफ्ते तक की प्रेग्नेंसी को गर्भपात की अनुमति देता है, वो भी सिर्फ अप्रुव्ड एमटीपी सेंटर में रजिस्टर्ड गायनाकॉलिजिस्ट की देखरेख में।
गिरफ्तार लोगों में बिहार का शख्स शामिल
वहीं, हरियाणा के राज्य औषधि नियंत्रक मनमोहन तनेजा ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों में रितेश कुमार भी शामिल है, जो बिहार का रहने वाला है। रितेश कुमार ऑनलाइन एमटीपी किट बेचने का काम करता था। टीम ने गुरुवार को सोनीपत, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर में दर्ज कई मामलों में रितेश कुमार का नाम शामिल किया है, जिसके तहत उसे बिहार में गिरफ्तार कर हरियाणा लाया जा रहा है।
आरोपी रितेश कुमार बिहार के भागलपुर के कहलगांव से यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म चलाता है। उसके खिलाफ पहली बार 16 फरवरी को मामला दर्ज किया गया था, जब स्वास्थ्य अधिकारियों को एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से कूरियर के जरिए एमटीपी किट मिली थी।
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जींद में एक और FIR दर्ज
उन्होंने बताया कि गुरुवार शाम को जींद में एक और FIR दर्ज की गई है। जब एमटीपी अधिनियम को लागू करने वाली एक टीम को बिहार के भागलपुर से चलाई जा रही एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से एमटीपी किट मिली। तनेजा ने कहा कि हमने चरखी दादरी में भी एक ऑनलाइन खरीद को रोकने के बाद एक और एफआईआर दर्ज करने के लिए सबूत जमा किए हैं। हालांकि, मामला अभी दर्ज होना बाकी है।
227 एमटीपी किट जब्त
यह कार्रवाई 11 फरवरी को उत्तर प्रदेश के दो ऑनलाइन फार्मेसी मालिकों की गिरफ़्तारी के साथ शुरू हुई, जिन पर गुरुग्राम में ऑनलाइन एमटीपी किट सप्लाई करने का आरोप था। अधिकारियों ने 227 एमटीपी किट भी जब्त की हैं। यह कदम हरियाणा में पिछले 8 सालों में सबसे कम जन्म लिंगानुपात (SRB) के बाद उठाया गया है।