Haryana Assembly Elections: सिरसा की सांसद कुमारी शैलजा ने पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के बीजेपी में शामिल होने के न्योते पर रिएक्शन दिया है। शैलजा ने एक मीडिया चैनल से बात करते हुए कहा कि उनकी रगों में कांग्रेस का खून है। कांग्रेस पार्टी से नाराजगी नहीं है। क्या करना है? ये सब वे और कांग्रेस ही देखेंगी। उनको नसीहत देने की जरूरत नहीं है। शैलजा ने कहा कि कुछ बातें अंदरूनी होती हैं। हरियाणा में आने वाले समय में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। जिसमें उनका भी अहम योगदान होगा।
शैलजा को लेकर पिछले कुछ दिन से कहा जा रहा था कि वे प्रचार से दूरी बना चुकी हैं। जो दिल्ली में अपने वर्करों से मिल रही हैं। जिसके बाद केंद्रीय मंत्री और पूर्व सीएम मनोहर लाल का बयान सामने आया था। उन्होंने शैलजा को बीजेपी में आने का ऑफर दिया था। कांग्रेस में उनका अपमान होने का आरोप लगाते हुए खट्टर ने कहा था कि बीजेपी में उनको पूरा सम्मान दिया जाएगा।
सैलजा मेरी बहन है, अगर उनके विरुद्ध बोला तो बख्शूंगा नहीं… कोई कांग्रेसी ऐसा नहीं बोल सकता… बीजेपी के मैनुपिलेटेड लोग ही ऐसा कर रहे हैं…. पार्टी में अगर किसी ने ऐसा किया तो उसकी कांग्रेस में कोई जगह नहीं…@Kumari_Selja @BhupinderShooda @DeependerSHooda @SupriyaShrinate pic.twitter.com/s8kR1pYXCp
— @Ashish Sharma INC (@AshishS21353342) September 18, 2024
---विज्ञापन---
कुमारी शैलजा ने अब साफ कर दिया है कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने पर सीएम कौन होगा? कांग्रेस हाईकमान ही यह तय करेगा। उन्होंने बीजेपी नेताओं को लेकर कहा कि उनका काफी लंबा राजनीतिक जीवन रहा है। जो लोग मुझे नसीहत दे रहे हैं, टिप्पणी कर रहे हैं, मुझे अपना रास्ता पता है। मेरी पार्टी ही मेरा रास्ता तय करती है। मुझे नसीहत की जरूरत नहीं है। लोगों के बीच बेवजह के बयान देकर भ्रम फैलाए जा रहे हैं।
यह भी पढ़ें:HOT सीट अंबाला कैंट… खुद को CM फेस बताने वाले अनिल विज की राह आसान नहीं, गुटबाजी से किसे फायदा?
कुछ लोग कह रहे हैं कि वे (शैलजा) 25 सितंबर को बीजेपी में जा रही हैं। ये खबर कहां से निकली? वे सोच भी नहीं सकती। उनकी रगों में कांग्रेस का खून है। वे अपने पिता की तरह तिरंगे में लिपटकर ही जाएंगी। पार्टी छोड़ने के बारे में सोच भी नहीं सकती। मेरा मेरी पार्टी और नेता के प्रति यही कमिटमेंट है।
यह भी पढ़ें:HOT सीट हिसार में कांटे का मुकाबला, देश की सबसे अमीर महिला के मैदान में आने से कितने बदले समीकरण?