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Haryana Election : क्या है आसोज अमावस्या? जिसके लिए ECI ने बदल दी हरियाणा चुनाव की तारीख

Haryana Assembly Election Date Change Reason : हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीख बदलने की वजह आसोज अमावस्या है। इसे लेकर चुनाव आयोग ने यह फैसला लिया। आइए जानते हैं कि क्या है आसोज अमावस्या?

Author Edited By : Deepak Pandey Updated: Sep 1, 2024 06:57
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गुजरात में नगर निगम चुनाव का ऐलान।

Haryana Assembly Election Date Change Reason : हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान हो गया था। राजनीतिक दलों ने भी अपनी-अपनी चुनावी तैयारी तेज कर दी थी। इस बीच चुनाव आयोग ने हरियाणा चुनाव की तारीख बदल दी। इसके पीछे की वजह बिश्नोई समाज का सदियों पुराना त्योहार है। हालांकि, भाजपा और इनेलो ने चुनाव की डेट बदलने की मांग की थी।

भारत निर्वाचन आयोग ने बताया कि बिश्नोई समाज के वोटिंग अधिकार और परंपराओं का सम्मान करने के लिए हरियाणा चुनाव की डेट बदलने का निर्णय लिया गया। बिश्नोई समुदाय के लोग अपने गुरु जम्भेश्वर की याद में 300-400 साल पुराने त्योहार आसोज अमावस्या मनाते हैं। इस साल यह त्योहार 2 अक्टूबर है। इसे लेकर अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा, बीकानेर, राजस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने चुनाव आयोग को ज्ञापन दिया था।

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जानें बिश्नोई समाज ने EC से क्या कहा था?

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बिश्नोई समाज ने ज्ञापन में कहा था कि कई राज्यों के लोग गुरु जम्भेश्वर की याद में वार्षिक उत्सव के लिए आसोज महीने की अमावस्या पर राजस्थान के बीकानेर जाते हैं। इसमें बिश्नोई समाज के लोग शामिल होते हैं, जो पंजाब, राजस्थान और हरियाणा से आते हैं। ऐसे में हरियाणा के हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में रहने वाले बिश्नोई समाज के हजारों लोग 2 अक्टूबर को राजस्थान जाएंगे, जिससे वे वोट देने से वंचित रह जाएंगे। चुनाव आयोग ने कहा कि अब हरियाणा में 5 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे और 8 अक्टूबर को नतीजे आएंगे।

आसोज अमावस्या क्या है?

बिश्नोई समाज के गुरु जम्भेश्वर ने राजस्थान के बीकानेर में स्थित मुकाम नामक गांव में समाधि ली थी, जिसे मुक्ति धाम के नाम जाना जाता है। बिश्नोई सुमदाय का मानना है कि यहां पर सच्चे मन से सेवा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। गुरु जम्भेश्वर की याद में असोज अमावस्या त्योहार मनाया जाता है, जिसे लेकर मुकाम मंदिर में साल में दो बार फाल्गुन अमावस्या और आसोज अमावस्या पर मेला लगता है। दूरदराज के लोग मुक्तिधाम पर माथा टेकने के लिए आते हैं।

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जानें राजनीतिक दलों ने क्या दिया था तर्क

इनेलो और भाजपा ने ECI को लिखे पत्र में कहा था कि एक अक्टूबर को होने वाली वोटिंग की तारीख आगे बढ़ाई जाए, क्योंकि एक अक्टूबर के पहले और बाद में सार्वजनिक छुट्टी है। 29 और 30 सितंबर को शनिवार एवं रविवार और 2 अक्टूबर को गांधी जयंती एवं 3 अक्टूबर को महाराजा अग्रसेन जयंती है। ऐसे में लोग घूमने के लिए जा सकते हैं, जिससे मतदान प्रतिशत कम हो सकता है।

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First published on: Aug 31, 2024 11:28 PM

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