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पिता लड्डू लाया; पूजा की, चारों बेटियों ने पहना कलावा; फिर निगला जहर… वसंतकुंज मास सुसाइड में क्या-क्या खुलासे?

Delhi Vasant Kunj Mass Suicide Case: दिल्ली के वसंतकुंज में बुराड़ी जैसा सामूहिक खुदकुशी कांड सामने आया है। यहां एक ही परिवार के 5 लोगों ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पहले परिवार के लोगों ने टोना-टोटका भी किया। आपको विस्तार से मामले के बारे में जानकारी देते हैं।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Sep 28, 2024 17:45
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Delhi Vasant Kunj Suicide

Delhi Crime News: दिल्ली के वसंतकुंज में एक और परिवार ने सामूहिक आत्महत्या कर ली। कुछ दिन पहले बुराड़ी इलाके में भी ऐसा सामूहिक खुदकुशी कांड सामने आया था। इस बार पिता और चार बेटियों ने जहर निगल आत्महत्या की है। दक्षिण-पश्चिमी जिला पुलिस मामले में बुराड़ी सामूहिक खुदकुशी केस के एंगल से जांच कर रही है। क्योंकि इस मामले में भी कुछ अंधविश्वास की बातें सामने आ रही हैं।

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चौहान मोहल्ला, रंगपुरी के टाटा टेल्को के पास खसरा नंबर 678 के फ्लैट नंबर सी-4 में परिवार ने मौत को गले लगा लिया। पुलिस को 37 वर्षीय हीरालाल पुत्र मरई लाल शर्मा, 26 साल की नीतू, 24 साल की निक्की, 23 साल की नीरू और 20 साल की निधि के शव मिले हैं। चारों बेटियों ने मरने से पहले कमर और गले में कलावा पहना। कलावा को कमरे में भी लपेटा गया है। पुलिस ने और भी चौंकाने वाली बातों का खुलासा किया है।

पूजा के बाद लोगों को दिखा था पिता

DCP दक्षिण-पश्चिमी जिला रोहित मीणा ने बताया कि पुलिस अंधविश्वास के एंगल से जांच कर रही है। पता लगा है कि खुदकुशी करने से एक दिन पहले परिवार ने जितिया पूजा की थी। पिता दुकान से इसके लिए लड्डू लेकर आया था। सीसीटीवी फुटेज में भी वह दिखा है। कुछ लोगों ने बताया है कि वह पूजा के बाद चौराहे पर कुछ रखकर भी आया था। जिसके बाद उसे और बेटियों को किसी ने नहीं देखा। घर से लड्डू मिले हैं। अभी कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है। इस परिवार के बारे में पड़ोसियों ने ज्यादा जानकारी नहीं होने की बात कही है। वहीं, इस शख्स की पत्नी की 1 साल पहले कैंसर से मौत हुई थी।

दिव्यांग थीं हीरालाल की बेटियां

बेटियों की सही उम्र को लेकर भी संशय है। बता दें कि बिहार में महिलाएं आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जितिया पूजा कर निर्जला व्रत रखती हैं। शाम के समय जीवित वाहन देवता की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से संतान के जीवन में समृद्धि-खुशी बनी रहती है और लंबी उम्र मिलती है। पता लगा है कि हीरालाल की एक बेटियां दिव्यांग थीं। एक बेटी देख नहीं पाती थी। दो चलने में अक्षम थीं।

लोगों के अनुसार पिता बेटियों को इलाज के लिए टैक्सी से ओखला ईएसआई लेकर जाता था। पिता पेशे से कारपेंटर था। वह स्पाइनल इंजुरी अस्पताल में जॉब करता था। लेकिन 6 महीने पहले उसकी जॉब छूट गई थी। बेटियों की देखभाल की वजह से वह ड्यूटी समय पर नहीं पहुंच पाता था। जिसकी वजह से नौकरी से निकाल दिया गया था। नौकरी जाने के बाद हीरालाल का परिवार आर्थिक तंगी से जूझने लगा। रिश्तेदारों और परिवार के लोगों ने उससे मुंह मोड़ लिया था। जिस मकान में वह रहता था, उसका किराया हर महीने 6500 रुपये बताया जा रहा है। पुलिस को घर से लड्डू मिले हैं।

कहां से लेकर आया जहर?

खाने-पीने का भी अधिक सामान नहीं मिला है। घर के सभी बर्तन धुले मिले हैं। पुलिस को आशंका है कि परिवार के लोगों ने मरने से पहले खाना नहीं खाया था। परिवार ने 24 सितंबर की रात को जितिया पूजा की, इसके बाद खुदकुशी की। बेटियों के शव बेड पर मिले हैं। वहीं, हीरालाल दूसरे कमरे में मृत मिला है। परिवार ने सल्फास खाकर आत्महत्या की है। अंदर के हालात बताते हैं परिवार ने तड़प-तड़पकर जान दी है। कमरे में चार गिलास मिले हैं। जिससे लगता है कि पानी में घोलकर परिवार ने सल्फास का सेवन किया है। पुलिस ये भी जांच कर रही है कि आरोपी कहां से जहर लेकर आया?

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Written By

Parmod chaudhary

First published on: Sep 28, 2024 05:45 PM

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