AAP leader Chitra Sarwara’s Challenge: आम आदमी पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा सरवारा ने गुरुवार को चंडीगढ़ स्थित पार्टी के कार्यालय में एक प्रेसवार्ता की। जिसमें उन्होंने कहा कि जब से आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की कमान संभाली है। दिल्ली के एजुकेशन सेक्टर में एक अभूतपूर्व विकास देखने को मिला है। आज जब पूरा भारत दिल्ली की शिक्षा प्रणाली की तरफ देखता है तो उसके परिणाम को मुकाबला किसी भी प्रदेश की सरकार से नही की जा सकती। सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव किए हैं, जिसमें में एक नाम विंग स्कूल ऑफ स्पेशलाइज एक्सीलेंस का भी है।
‘आप’ सरकार ने दिल्ली में लैस मॉडर्न स्कूल बनाया
उन्होंने कहा कि कुछ 12वीं तक के स्कूल दिल्ली में ऐसे खोले गए हैं जहां पर स्पेशलाइज एरिया में ट्रेनिंग दी जाती है। इसी से दिसंबर 2021 की एक कैबिनेट मीटिंग में एक आइडिया निकला था। जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में यह निर्णय लिया गया था कि दिल्ली में एक ऐसा विशेष स्कूल बनाया जाए, जहां पर बच्चों को फौज में भर्ती होने की ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वो एनडीए, नेवी, एयरफोर्स जैसी सेना की सेवाओं में भर्ती हो सकें। एक साल से भी कम समय में दिल्ली सरकार द्वारा इस स्कूल को तैयार कर लिया गया, जिसका नाम शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल है। यह स्कूल 14 एकड़ में फैला है। सभी सुविधाओं से लैस मॉडर्न स्कूल बनाया गया है और दिल्ली में रहने वाला कोई भी बच्चा 9वीं और 11वीं कक्षा में दाखिला ले सकता है। उन्होंने कहा कि इस स्कूल के पहले बैच के 50 प्रतिशत के करीब बच्चे एनडीए में गए हैं। स्कूल के 76 बच्चों ने एनडीए की परीक्षा दी और इनमें से 32 बच्चों ने लिखित परीक्षा पास की है।
हरियाणा के शिक्षामंत्री से सवाल
उन्होंने कहा कि किसी एक स्कूल से एनडीए पास करने वाला ये पूरे देश में हाईएस्ट नंबर होगा। इस स्कूल में ट्रेनिंग के लिए विशेषज्ञ फैकल्टी खासकर सेवानिवृत्त आर्मी या एयरफोर्स ऑफिसर को बुलाया जाता है। जहां दिल्ली में इतना बदलाव आया है इसी को लेकर सवाल उठता है कि हरियाणा में भाजपा सरकार में शिक्षा प्रणाली का स्तर क्या है? देश के प्रधानमंत्री व हरियाणा के शिक्षामंत्री की एजुकेशन क्वालीफिकेशन पर अकसर सवाल उठते रहते हैं। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। इस साल 10वीं का रिजल्ट 57 प्रतिशत था। सरकारी स्कूलों 38000 से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। इसके अलावा स्कूलों में कम बच्चे कह कर स्कूलों को बंद किया जा रहा था, जिसके खिलाफ आम आदमी पार्टी ने धरने प्रदर्शन कर एक मुहिम चुलाई थी। जिसका दबाव भाजपा सरकार महसूस कर रही है।
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हरियाणा का युवा बेरोजगार: चित्रा
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने चिराग योजना चलाई, जिसमें सरकार कहती है कि यहां से बच्चा निकाल लो तो पैसा देंगे और यदि यहां अपने बच्चे बढ़ाओगे तो पैसे लेंगे। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा का युवा बेरोजगारी की मार झेल रहा है और पलायन को मजबूर है। जिसकी वजह शिक्षा में क्वालिटी न होना है। इसके अलावा कॉलेजों में भी शिक्षक नहीं है। उन्होंने कहा कि 10 साल में सीएम खट्टर ने हरियाणा में सरकारी स्कूलों के लिए क्या किया है, कोई एग्जम्पल दिखा सकते हैं। पिछले साल दिल्ली के सरकारी स्कल के करीब 1100 बच्चे नीट की परीक्षा पास करके आईआईटी आईआईएम में गए थे। इस साल वो आंकड़ा करीब 1400 को छू रहा है।
चित्रा सरवारा का चैलेंज
उन्होंने हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर को चुनौती देते हुए कहा हरियाणा में एक भी स्कूल का मॉडल दिखाए जिसका रिजल्ट और इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर हुआ है या दिल्ली सरकार के स्कूलों का मॉडल जाकर देख सकते हैं। उन्होंने कहा हरियाणा की जनता के लिए जानना जरूरी है कि हमारे बच्चों का अच्छा भविष्य हो सकता है। आज पंजाब में भी बदलाव आ गया है, पिछले साल जो भी सरकारी स्कूलों के रिजल्ट रहा हो। आने वाले पांच साल में सरकार स्कूल के बच्चों की शक्ल सीरत और सूरत सब बदल जाएगा, लेकिन हरियाणा में ये बदलाव कब होगा। मूलभूत शिक्षा से बच्चों को वंचित रखकर भाजपा ने हरियाणा के लोगों के साथ धोखा किया है।
हरियाणा में सरकारी स्कूलों के नतीजे
उन्होंने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 10वीं और बारहवीं के नतीजे भी लगातार कई वर्षों से शत प्रतिशत आ रहे हैं, जबकि हरियाणा में सरकारी स्कूलों के नतीजों ने खट्टर सरकार की पोल खोल कर रख दी है। इस बार हरियाणा के सरकारी स्कूलों के 10वीं के नतीजों में केवल 65 फीसदी बच्चे ही पास हुए, वहीं 12वीं के नतीजे इससे भी ज्यादा निराशाजनक आए हैं। इससे पता चलता है कि हरियाणा के स्कूलों का शिक्षा स्तर निरंतर गिरता जा रहा है।
भर्ती परीक्षा बिना विवाद
उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार को न प्रदेश के युवाओं के रोजगार की चिंता है और न ही शिक्षा की चिंता है। प्रदेश बेरोजगारी में देश में नंबर एक पर है। कोई भी भर्ती परीक्षा बिना विवादों के संपन्न नहीं होती है। प्रदेश में बढ़ते अपराधों के कारण उद्योग पलायन करने को मजबूर हैं। रोजगार की संभावना नहीं होने के कारण युवा भी पलायन कर रहे हैं। खट्टर सरकार ने हरियाणा का बेड़ा गर्क करने का काम किया है।