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‘शव नहीं तो कम से कम टुकड़े ही दे दो…’ राजकोट में पीड़ित परिजनों का टूटा सब्र, दो दिन से कटवाए जा रहे चक्कर

Rajkot Fire Case Inside Story: राजकोट में आग के कारण मारे गए 28 लोगों के परिजनों को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। परिजन पहले तो अपने किसी सदस्य के मरने के बाद शोक में हैं। वहीं, अब उनको सिविल अस्पताल से शव लेने के लिए चक्कर कटवाए जा रहे हैं। परिजनों की इसको लेकर डॉक्टरों से लगातार बहस हो रही है।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: May 27, 2024 16:17
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rajkot fire
परिजनों को नहीं दिए जा रहे शव।

Rajkot Fire: राजकोट के टीआरपी गेम जोन में आग के कारण 28 लोगों की मौत हो गई थी। प्रशासन ने पोस्टमार्टम के लिए सभी के शव सिविल अस्पताल और एम्स में रखवाए थे। परिजनों को अब शव लेने के लिए अस्पतालों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। कई शव इतने खराब हो चुके हैं कि इनकी पहचान डीएनए के जरिए होगी। बताया जा रहा है कि 5 लोगों के शव परिजनों को सौंपे गए हैं। अन्य लोग अपने सदस्य का शव लेने के लिए चक्कर काट रहे हैं। डॉक्टर सही जवाब नहीं दे रहे, जिसके कारण लोगों में गुस्सा है। परिजन लगातार अपनों के लिए रोते देखे जा सकते हैं। वे डॉक्टरों से गुहार लगा रहे हैं कि अगर शव नहीं दे सकते तो कम से कम उनके शरीर के टुकड़े ही दे दो। ताकि अंतिम संस्कार किया जा सके।

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लोग सिविल अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस के बाहर देखे जा सकते हैं। एक व्यक्ति ने कहा कि प्रशासन ने हमारे खोए हुए परिजन को ढूंढने के लिए क्या किया है? हमने डीएनए टेस्ट करवाया है, लेकिन क्या अभी तक रिपोर्ट नहीं आई? हम यहां पैसे नहीं, अपने परिजन की बॉडी लेने आए हैं। डॉक्टरों से पूछते हैं, तो 5 मिनट, 10 मिनट रुकने का जवाब मिलता है। वे दो दिन से इंतजार कर रहे हैं। अब हम क्या करें?

हादसे में मरे गोंडल के खरेड़ा गांव के सत्यपाल का शव परिजनों को डीएनए मैच होने के बाद सौंप दिया गया। अंतिम यात्रा में पूरा गांव शामिल हुआ। वहीं, हादसे के आरोपी राहुल राठौड़ को भी अरेस्ट कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि राहुल गेम जोन में पार्टनर है।

8 अधिकारियों पर गिरी गाज

सरकार ने अब तक 8 अफसरों को सस्पेंड किया है। जिनमें रोड्स एंड बिल्डिंग डिपार्टमेंट (आरएनबी) का डिप्टी इंजीनियर, राजकोट महानगरपालिका कॉरपोरेशन (आरएमसी) का असिस्टेंट टाउन प्लानर गौतम डी जोशी शामिल है। इसके अलावा टाउन प्लानिंग शाखा के असिस्टेंट इंजीनियर जयदीप चौधरी, नायब कार्यालय के इंजीनियर एमआर सूमा, पुलिस इंस्पेक्टर वीआर पटेल और एनआई राठौड़, नायब कार्यपालक इंजीनियर पारस एम कोठिया, फायर स्टेशन ऑफिसर रोहित विगोरा पर गाज गिरी है।

25 मई को हादसे में 28 लोगों की मौत हो गई थी। वेल्डिंग करते समय चिंगारी से आग लगी थी। इसकी फुटेज भी मिल चुकी है। गेम जोन में आने-जाने का एक ही रास्ता था। जिस कारण लोगों को बचने का समय नहीं मिला। आग दो मिनट में विकराल हो गई थी। जिसे बुझाने में 3 घंटे का समय लगा था। मरने वालों में 12 बच्चे भी शामिल थे।

First published on: May 27, 2024 04:17 PM

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