गुजरात के राजकोट में इस वक्त बुलडोजर कार्रवाई की खूब चर्चा हो रही है। इस कार्रवाई के दौरान धार्मिक स्थलों को तोड़ा जा रहा है। यह कार्रवाई दिन में नहीं, बल्कि रात के वक्त हो रही है। आखिर रात में धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई क्यों हो रही है? क्यों तोड़े जा रहे हैं धार्मिक स्थल?
राजकोट नगर निगम के अधिकारियों ने मिलकर एक सूची तैयार की है, जिसमें उन स्थलों का जिक्र है, जो सड़कों के बीच में हैं या जिनकी वजह से कोई परेशानी आ रही है। ऐसे स्थलों पर पुलिस और नगर निगम की टीम कार्रवाई कर रही है। किसी भी तरह की कोई दंगा न हो, इसलिए बुलडोजर से तोड़ने की कार्रवाई रात में हो रही है।
100 साल पुरानी दरगाह पर चला बुलडोजर
बताया जा रहा है कि रात 2 बजे 3 धार्मिक स्थल ध्वस्त किए गए। इस दौरान शहर के रैयाधार क्षेत्र में एक 100 साल पुरानी दरगाह को तोड़ा गया है और इसके साथ ही वहां पास में मौजूद दो मंदिरों को भी तोड़ा गया है। किसी भी सांप्रदायिक दंगे से बचने के लिए इसे रात में ध्वस्त कर दिया गया। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिसकर्मियों को बुलाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि बुलडोजर कार्रवाई के दौरान स्थल पर 300 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था।
सड़कों के बीच में स्थित धार्मिक स्थलों की सूची तैयार कर ली गई है। सूची में शामिल सभी धार्मिक स्थलों को अगले दिनों में ध्वस्त कर दिया जाएगा। सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा और सड़क के बीचों-बीच बने धार्मिक स्थलों पर नगर निगम द्वारा यह कार्रवाई की जा रही है।
पहले भी चल चुका है बुलडोजर
इससे पहले, जामनगर रोड पर मौजूद झुग्गी में स्थित घर पर भी बुलडोजर कार्रवाई की गई थी। दरअसल, यह कार्रवाई पुलिस पर हमला करने वाले अपराधियों के खिलाफ की गई थी। दो आरोपियों के छह अवैध कमरों पर बुलडोजर चलाया गया। इन पर डेढ़ महीने पहले प्रतापनगर पुलिस स्टेशन के दो पुलिसकर्मियों पर हमला करने का आरोप था। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया था।