Swaminarayan Gurukul: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आजादी के बाद हमारी शिक्षा प्रणाली में भारत के गौरवशाली इतिहास को फिर से जीवंत करना हमारा दायित्व था। तब सरकारों ने औपनिवेशिक मानसिकता के तहत इसके बारे में कदम नहीं उठाए। प्रधानमंत्री शनिवार को स्वामीनारायण गुरुकुल राजकोट संस्थान के 75वें अमृत महोत्सव को वर्चुअली संबोधित करते हुए ये बातें कही।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं राजकोट गुरुकल के 75 वर्षों की इस यात्रा के लिए आप सभी जो हृदय से बधाई देता हूं। इस संस्थान का भविष्य और भी यशस्वी और सेवा क्षेत्र में इसका योगदान अप्रतिम होगा। उन्होंने कहा कि भगवान स्वामीनारायण का नाम लेने मात्र से मुझमें ऊर्जा का संचार हो जाता है। आज इस अवसर पर आप सभी की गरिमामयी उपस्थिति में आकर मैं स्वयं को धन्य महसूस कर रहा हूं।
Our responsibility was to reinvigorate India's glorious history in our education system after we attained Independence. Govts back then didn't take steps regarding it under colonial mindset: PM Modi at virtual address of 75th Amrut Mahotsav of Swaminarayan Gurukul Rajkot Sansthan pic.twitter.com/NB7uiWiFcz
— ANI (@ANI) December 24, 2022
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश आजाद होने के बाद हम पर जिम्मेदारी थी कि शिक्षा के क्षेत्र में हम अपने प्राचीन वैभव और महान गौरव को पुनर्जीवित करें। स्वामीनारायण गुरुकुल इसी गौरव का उत्कृष्ट उदहारण है। पूज्य धर्मजीवन दास जी स्वामी जी का गुरुकुल के लिए जो विजन था उसमें अध्यात्म और आधुनिकता से लेकर संस्कृति और संस्कार तक समाहित था।
पीएम बोले- भारत को भारतभूमि के गुरुकुलों से पहचाना जाता था
पीएम मोदी ने कहा कि श्री स्वामीनारायण गुरुकुल राजकोट की यात्रा के 75 वर्ष ऐसे कालखंड में पूरे हो रहे हैं, जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष मना रहा है। इस गुरुकुल ने छात्रों के मन-मस्तिष्क को अच्छे विचारों और मूल्यों से सींचा है, ताकि उनका समग्र विकास हो सके।
उन्होंने कहा कि जिस कालखंड में दुनिया के दूसरे देशों की पहचान वहां के राज्यों और राज-कुलों से होती थी, तब भारत को भारतभूमि के गुरुकुलों से पहचाना जाता था। खोज और शोध भारत की जीवन पद्धति का हिस्सा थे। नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय हमारी गुरुकुल परंपरा के वैश्विक वैभव के पर्याय हुआ करते थे।
जब विश्व में लैंगिक समानता जैसे शब्दों का जन्म भी नहीं हुआ था उस समय हमारे यहां गार्गी और मैत्रेयी जैसी विदुषियां शास्त्रार्थ कर रही थीं। महृषि वाल्मीकि के आश्रम में आत्रेयी भी पढ़ रही थीं।
– पीएम @narendramodi pic.twitter.com/bt5L4gkxUv
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प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुत कम लोग जानते हैं कि गरीब छात्रों को गुरुकुल में प्रति दिन केवल एक रुपया फीस के रूप में देना पड़ता है। यह गरीबों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुलभ बना रहा है। नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालय भारतीय शिक्षा प्रणाली के लिए मार्गदर्शक प्रकाश थे। भारत की सांस्कृतिक समृद्धि जो आज हम देख रहे हैं, उसी का परिणाम है।
पीएम बोले- इस शुरुआत के लिए स्वामीनारायण गुरुकुल को बधाई
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब विश्व में लैंगिक समानता जैसे शब्दों का जन्म भी नहीं हुआ था उस समय हमारे यहां गार्गी और मैत्रेयी जैसी विदुषियां शास्त्रार्थ कर रही थीं। महृषि वाल्मीकि के आश्रम में आत्रेयी भी पढ़ रही थीं। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि स्वामीनारायण गुरुकुल इस पुरातन परंपरा को, आधुनिक भारत को आगे बढ़ाने के लिए ‘कन्या गुरुकुल’ की शुरुआत कर रहा है। मैं इसके लिए आप सभी को अपनी शुभकामनाएं देता हूं।
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शून्य से अनंत तक, हमने हर क्षेत्र में शोध किए, नए निष्कर्ष निकाले और आज आजादी के इस अमृतकाल में देश, एजुकेशन इनफ्रास्ट्रक्चर हो या एजुकेशन पॉलिसी… हर स्तर पर काम कर रहा है।
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पीएम मोदी ने कहा कि सामाजिक विज्ञान से लेकर सौर विज्ञान तक, गणित से लेकर धातुकर्म तक, शून्य से अनंत तक, हमने अंधेरे के दिनों में सभी क्षेत्रों में शोध किया। हमने नए परिणाम प्राप्त किए और भारत को पूरी दुनिया के लिए एक मार्गदर्शक प्रकाश बनाया और आधुनिक विज्ञान की यात्रा का मार्ग प्रशस्त किया।
उन्होंने कहा कि शून्य से अनंत तक, हमने हर क्षेत्र में शोध किए, नए निष्कर्ष निकाले और आज आजादी के इस अमृतकाल में देश, एजुकेशन इनफ्रास्ट्रक्चर हो या एजुकेशन पॉलिसी… हर स्तर पर काम कर रहा है। आज नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से देश पहली बार उस शिक्षा व्यवस्था तैयार कर रहा है जो Forward Looking है Futuristic है।
Today, India is leaping ahead with the magnificent programs like Digital India, Atmanirbhar Bharat, Make In India, Vocal for Local for 'Ek Bharat Shresth Bharat'.
The collective efforts in a holistic manner are surely going to transform each and every life.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज आईआईटी, आईआईआईटी और एम्स जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों की संख्या कई गुना बढ़ गई है। 2014 के बाद से, देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 65% की वृद्धि देखी गई है। इसके अलावा, हम एक ऐसी शिक्षा प्रणाली बना रहे हैं जो भविष्योन्मुखी और भविष्योन्मुखी है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के लिए डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया, वोकल फॉर लोकल जैसे शानदार कार्यक्रमों के साथ आगे छलांग लगा रहा है। समग्र रूप से सामूहिक प्रयास निश्चित रूप से प्रत्येक जीवन को बदलने जा रहे हैं।
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