Morbi Tragedy: गुजरात के मोरबी में रविवार शाम नदी में गिरे करीब 140 साल पुराने पुल का नवीनीकरण करीब 2 करोड़ रुपये की लागत से किया गया था। गुजरात नए वर्ष के मौके पर ब्रिज के खोले जाने के बाद कंपनी की ओर से दावा किया गया था कि नवीनीकरण के बाद पुल करीब आठ से 10 साल तक के लिए ठीक हो गया है और इसमें कोई संदेह नहीं है। ओरेवा ग्रुप के प्रबंध निदेशक जयसुखभाई पटेल ने 24 अक्टूबर को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान ये बातें कही थी।
जयसुखभाई पटेल ने कहा था कि अगर लोग संपत्ति को नुकसान पहुंचाए बिना जिम्मेदारी से यहां घूमने आते हैं तो यह अगले 10 वर्षों तक टीक सकता है।
पत्रकारों के सवाल का दिया था ये जवाब
स्थानीय पत्रकारों के सवालों के जवाब में प्रबंध निदेशक जयसुखभाई पटेल ने कहा था कि जैसा कि हम जानते हैं, पुल का निर्माण ऐसे समय में किया गया था जब बहुत अधिक तकनीकी नहीं थी। पुल को बनाने के लिए केवल लकड़ी के तख्तों और बीम का इस्तेमाल किया गया था।
पटेल ने बताया था कि वे प्रवेश को सीमित करने और भीड़ को प्रबंधित करने के लिए प्रवेश शुल्क लेंगे। उन्होंने बताया था कि बड़े समूहों में आने वालों के लिए शुल्क निर्धारित किया जाएगा, जबकि छात्रों को हम छूट देंगे। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, ओरेवा समूह द्वारा समय से पहले पुल को जनता के लिए खोल दिया गया था।
दावा किया गया है कि रविवार शाम को जब केबल टूट गई तो “हैंगिंग ब्रिज” पर करीब 500 लोग थे, जिससे सैकड़ों लोग नदी में गिर गए। अधिकारियों के अनुसार, पुल केवल 125 लोगों का वजन उठा सकता है।
परिवार के साथ अंडरग्राउंड हुए जयसुख पटेल?
मोरबी में सस्पेंशन ब्रिज हादसे के बाद ओरेवा ग्रुप के एमडी जयसुख पटेल के परिवार सहित अंडरग्राउंड होने की चर्चा है। पांच दिन पहले जयसुख पटेल ने प्रेस कांफ्रेंस की थी। कॉन्फ्रेंस में ऑरेवा ग्रुप ने इस बारे में बात की कि उसने कितना खर्च किया है और सामग्री कहां से ली गई है।
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