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गुजरात में बनेगा भारत का पहला नेशनल मैरीटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स, जानिए इसकी खासियत

Gujarat National Maritime Heritage Complex: नेशनल मेरीटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स के निर्माण के पहली स्टेज के तहत भारतीय नौसेना और तटरक्षकों को समर्पित एक संग्रहालय का निर्माण किया जाएगा।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Oct 16, 2024 19:02
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Gujarat National Maritime Heritage Complex
Gujarat National Maritime Heritage Complex

Gujarat National Maritime Heritage Complex: गुजरात की प्राचीन विरासत का महत्वपूर्ण स्थल लोथल एक बड़े बदलाव का गवाह बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (NMHC) के विकास को मंजूरी दे दी है।

विशेष रूप से, नेशनल मेरीटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स (National Maritime Heritage Complex) की आधारशिला मार्च 2019 में रखी गई थी, जो दुनिया का सबसे बड़ा समुद्री परिसर होने जा रहा है। यह पूरा प्रोजेक्ट दो चरणों में पूरा किया जाएगा।

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हर एक स्टेज को विजिटर के अनुभव और शैक्षिक प्रभाव को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है। बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा प्रबंधित इस पहल का उद्देश्य भारत की 4,500 साल पुरानी समुद्री विरासत का सम्मान करना और इसे जनता के सामने प्रदर्शित करना है।

स्टेज 1ए 

एनएमएचसी का स्टेज 1ए वर्तमान में प्रगति पर है, जिसका 60% से अधिक काम पूरा हो चुका है। इस चरण के तहत एनएमएचसी संग्रहालय का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 6 गैलरी शामिल होंगी। यह संग्रहालय भारतीय नौसेना और तटरक्षकों (Coast Guardsmen) को समर्पित होगा और उम्मीद है कि यह देश का सबसे बड़ा संग्रहालय होगा।

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गैलरी में आईएनएस निशंक, सी हैरियर विमान और यूएच3 हेलीकॉप्टर जैसे नौसेना के युद्धपोतों का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अलावा, स्टेज 1ए में प्राचीन लोथल टाउनशिप का एक मॉडल, एक खुली जलीय गैलरी और एक जेटी वॉकवे शामिल होगा।

इस स्टेज के तहत काम साल 2025 में ₹1,238.05 करोड़ की अनुमानित लागत से पूरा करने की योजना है। इसे प्रमुख बंदरगाह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय के योगदान से वित्त पोषित किया जाता है।

स्टेज 1बी

स्टेज 1बी में, एनएमएचसी संग्रहालय के साथ-साथ एक लाइटहाउस संग्रहालय में आठ और गैलरी भी बनाई जाएंगी। लाइटहाउस संग्रहालय को दुनिया का सबसे ऊंचा संग्रहालय बनाने की योजना है। इसमें एक उद्यान परिसर भी शामिल है, जिसमें लगभग 1,500 वाहनों के लिए पार्किंग, एक फूड हॉल और एक चिकित्सा केंद्र होगा। इस लाइटहाउस संग्रहालय की अनुमानित लागत ₹266.11 करोड़ है, जिसे लाइटहाउस और लाइटशिप महानिदेशालय (DGLL) द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा।

प्रोजेक्ट के लिए बनाई योजना

कैबिनेट ने रणनीतिक योजना बनाकर एनएमएचसी परियोजना के अगले स्टेज को अमल करने के लिए शुरूआती मंजूरी दे दी है। इन चरणों को स्वैच्छिक दान के माध्यम से वित्त पोषित किया जाएगा, और उनकी प्रगति पर्याप्त धन जुटाने पर निर्भर करेगी। इन चरणों के संचालन का प्रबंधन बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री की अध्यक्षता में एक विशेष सोसायटी द्वारा किया जाएगा।

एनएमएचसी के विकास से 15 हजार प्रत्यक्ष और 7 हजार अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे। आर्थिक विकास को गति देने के साथ-साथ, इससे स्थानीय समुदायों, पर्यटकों, शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, सरकारी निकायों, शैक्षणिक संस्थानों, सांस्कृतिक संस्थानों, पर्यावरण समूहों और व्यवसायों को लाभ होगा। लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) भारत की समुद्री विरासत का सम्मान और संरक्षण करने के लिए एक ऐतिहासिक परियोजना है।

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Written By

Deepti Sharma

First published on: Oct 16, 2024 07:02 PM

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