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Gujarat: अब कचरे से बनेगी बिजली; अहमदाबाद में गृह मंत्री अमित शाह ने किया वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का उद्घाटन

Ahmedabad Waste to Energy Plant: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को अहमदाबाद में राज्य के सबसे बड़े 'वेस्ट टू एनर्जी प्लांट' का उद्घाटन किया। इस प्लांट में हर घंटे 15 मेगावॉट बिजली प्रोड्यूस होगी।

Edited By : Pooja Mishra | Updated: Nov 1, 2024 18:51
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Ahmedabad Waste to Energy Plant

Ahmedabad Waste to Energy Plant: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस गुजरात के दौरे पर हैं। अपने दौरे के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को अहमदाबाद में राज्य के सबसे बड़े ‘वेस्ट टू एनर्जी प्लांट’ का उद्घाटन किया। इसके बाद अमित शाह ने पूरे प्लांट का निरीक्षण भी किया है। यह प्लांट अहमदाबाद के पिराना में AMC और जिंदल अर्बन वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी के साथ पीपीपी आधार पर तैयार किया गया है।

 

हर घंटे होगी 15 मेगावॉट बिजली प्रोड्यूस

यह प्लांट कचरे को प्रोसेस कर हर घंटे 15 मेगावॉट बिजली प्रोड्यूस करेगा। वहीं हर दिन इससे 360 मेगावॉट बिजली पैदा प्रोड्यूस होगी। इस प्लांट से प्रोड्यूस होने वाली बिजली गुजरात ऊर्जा विकास निगम को 6.31 रुपये प्रति किलोवाट के रेट पर दी जाएगी। अगले 3 से 4 महीनों में इस प्लांट के जरिए प्रतिदिन 1,200 से 1,500 मीट्रिक टन कचरे को प्रोसेस कर बिजली बनाई जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा शुरू हुए गुजरात के सबसे बड़े ‘वेस्ट टू एनर्जी प्लांट’ (WTE) प्लांट शहर के बढ़ते वेस्ट को मैनेज करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

कचरे की समस्या का समाधान

अहमदाबाद नगर निगम और जिंदल समूह के बीच सार्वजनिक-निजी साझेदारी के जरिए विकसित प्लांट ने पहले ही पायलट आधार पर परिचालन शुरू कर दिया है। प्रति दिन 1,000 टन कचरे को प्रोसेस और प्रति घंटे 15 मेगावाट बिजली पैदा करता है। पूरी तरह से चालू होने पर प्लांट शहर के प्रति दिन 4,000 मीट्रिक टन के कुल वेस्ट प्रोडक्ट को संभालेगा और उससे करीब 350 मेगावाट बिजली प्रोड्यूस करेगा।

यह भी पढ़ें: गुजरात नगर निगम भवन में आम नागरिक मिलेंगी ये खास सुविधाएं, जानें क्या है राज्य सरकार का प्लान

‘वेस्ट टू एनर्जी’ टेक्नोलॉजी

इस प्रोजेक्ट से राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में अहमदाबाद की रैंकिंग में सुधार होने की उम्मीद है। इससे पिराना लैंडफिल में कचरे की समस्या को हल करने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा, संयंत्र फ्लाई ऐश का भी उत्पादन करेगा, एक उप-उत्पाद जिसे खुले बाजार में बेचा जा सकता है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा। ‘वेस्ट टू एनर्जी’ टेक्नोलॉजी की दिशा में अहमदाबाद का कदम भारत के बाकी शहरी केंद्रों के लिए एक उदाहरण है, जो स्वच्छ ऊर्जा और प्रभावी वेस्ट मैनेजमेंट दोनों को प्रोत्साहित करता है।

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Edited By

Pooja Mishra

First published on: Nov 01, 2024 03:45 PM

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