Gujarat Rape Case Record (भूपेंद्र सिंह ठाकुर, अहमदाबाद): कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुई बलात्कार और मर्डर की घटना में पूरे देश को हिला कर रख दिया है। एक बार फिर लोगों को अपनी मां, बहनों, बेटियों की सुरक्षा के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है। आज देश के हर राज्य में, हर गली कूचे में इस नृशंस कांड की चर्चा है।
ऐसे में सबसे सुरक्षित कहे जाने वाले गुजरात का क्या हाल है? यह भी जान लेते हैं कि आज जब पश्चिम बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं, वहीं गुजरात की बात करें तो यहां रोजाना 6 महिलाओं से बलात्कार होता है। पिछले 3 साल में गुजरात के अंदर कुल 6524 बलात्कार की घटनाएं हुई हैं, जबकि इनमें से 95 गैंगरेप के मामले हैं।
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केस बढ़े और अपराधी खुलेआम घूम रहे
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक, गुजरात में महिलाओं के साथ छेड़खानी, मारपीट, हत्या, बलात्कार और घरेलू हिंसा के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। हर साल महिलाओं पर अत्याचारों को लेकर 7 से 8 हजार मामले पुलिस डायरी में दर्ज होते हैं। इससे भी ज्यादातर मामले बिना दर्ज हुए घटते हैं। साल 2020-21 में गुजरात में 2076 बलात्कार, 2021-22 में 2239 बलात्कार, 2022-23 में 2209 बलात्कार हुए।
यह आंकड़े बेहद चिंता करने वाले हैं, लेकिन इससे भी ज्यादा डरावनी बात यह है कि अपराधियों को पकड़ने में पुलिस विफल रही है। विधानसभा में दी जानकारी के मुताबिक, बलात्कार के 194 अपराधी पकड़े जाने बाकी हैं, जिनमें से 67 आरोपी 6 महीने से फरार हैं। 63 आरोपी एक साल से और 64 आरोपी 2 साल से पुलिस की पकड़ से बचे हुए हैं। इन हालातों के साथ कैसे कह दें कि गुजरात सेफ है? महिलाएं सुरक्षित हैं।
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कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी
बता दें कि गत 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में डॉक्टर के साथ रेप किया गया। उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। 10 अगस्त की दोपहर को उसकी खून से सनी लाश बुरी हालत में मिली। उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दिल दहलने वाले खुलासे हुए। पूरा देश इस वीभत्स कांड से गुस्से में हैं। डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं और लोगों के अपनों की सुरक्षा का डर सताने लगा है। सुप्रीम कोर्ट मामले में स्वत: संज्ञान ले चुका है। एक बार फिर देश में वही हालात बने हैं, जैसे हालात साल 2012 में निर्भया कांड के वक्त बने थे।