गुजरात के अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा को लेकर राज्य के लोग काफी उत्साहित हैं। यह रथयात्रा 27 जून को निकलेगी। इसके साथ ही लाखों भक्तों की भीड़ भी देखी जाएगी। अहमदाबाद में जल यात्रा के साथ ही इस यात्रा का शुभारंभ हुआ। इसमें काफी अधिक संख्या में संत और श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। वहीं, गुजरात पुलिस भी इस यात्रा को लेकर पूरी तरह से सतर्क है। क्योंकि रथ यात्रा के दौरान भगदड़ जैसी घटनाओं का डर लगा रहता है और आमतौर पर होती भी हैं। इसलिए गुजरात ने इसके लिए कमर कस ली है। ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ यात्रा शुरू हो रही है। भगवान जगन्नाथ की स्नान यात्रा एक धार्मिक आयोजन है, जो वार्षिक रथ यात्रा उत्सव की शुरुआत को बताता है। रथ यात्रा 26 जून को दोपहर से शुरू होकर 27 जून को सुबह तक रहेगी।
ड्रोन और एआई का इस्तेमाल होगा
रथयात्रा को लेकर गुजरात पुलिस बहुत अलर्ट है। इसके लिए इस बार वह ड्रोन और एआई की मदद से आने वाली भीड़ को कंट्रोल करने की कोशिश करेगी। रथयात्रा महोत्सव में भीड़ ज्यादा होने से भगदड़ का डर रहता है। अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की जल यात्रा में अलग-अलग संतों के साथ अन्य भक्त भी पूरी तरह से भाग लेते हैं। यात्रा पूरे जोर-शोर से शुरू होती है।
पुलिस ने यात्रा को लेकर बनाया प्लान
अभी कुछ दिन पहले मैच के बाद बंगलूरू में भगदड़ की घटनाओं ने सबको परेशान किया था। इसलिए गुजरात पुलिस इससे निपटने के लिए पहले ही अपनी कमर कस ली है। बता दें, बंगलूरु जैसी हाल की घटनाओं से सबक लेते हुए अहमदाबाद क्राइम ब्रांच एक एआई सॉफ्टवेयर की मदद ले रही है। इस बार वैसे भी 14 से ज्यादा लोगों की आने की उम्मीद है। सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन की मदद से हो रही लाइव घटनाएं मिलेंगी। इससे यह पता चल पाएगा कि कितने लोग मौजूद हैं और कितने आने वाले हैं।
कैसे काम करेगा सॉफ्टवेयर?
एआई सॉफ्टवेयर लोगों की काउंटिंग करेगा। इसके अलावा जगह पर लोगों के आने-जाने के बारे में पुलिस को सतर्क करेगा। बता दें, यह सिस्टम समय पर कार्रवाई करने के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर पुलिस फोर्स को भेजने और ट्रैफिक को डायवर्ट करने में सहायता करेगा। यह भीड़ को मैनेज करने में मदद करेगा।
रथ को खींचने से मिलता है पुण्य
ऐसा माना जाता है कि रथ यात्रा के दौरान अगर कोई भक्त खुद रथ खींचता है या बस दर्शन भी कर लेता है तो जीवन में आने वाली दिक्कतें दूर हो जाएंगी। उसे पापों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही भगवान जगन्नाथ की खास कृपा भक्त पर बनी रहती है। यही वजह है कि हर साल इस उत्सव पर लाखों-करोड़ों भक्त हिस्सा लेते हैं और अपने आप को भाग्यशाली मानते हैं।
क्यों निकाली जाती है जगन्नाथ रथ यात्रा?
इस यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, बल भद्र और देवी सुभद्रा रथ पर सवार होकर घूमने जाते हैं। पुरानी मान्यताओं में बताया गया है कि रथ यात्रा के दौरान भगवान के मात्र दर्शन कर लेने से ही सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। वहीं, एक पुराण के अनुसार, एक बार बहन सुभद्रा ने अपने भाई भगवान जगन्नाथ से नगर को देखने की अपनी महत्वाकांक्षा बताई थी। इसलिए भगवान जगन्नाथ ने बल भद्र और सुभद्रा को रथ पर बैठाकर पूरे शहर का भ्रमण कराया था। इसके बाद तीनों ही अपनी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर पहुंचे। वहां उन्होंने 7 दिन रहना किया। इसके बाद वापस अपने घर आ गए। बस तभी से हर साल इसे मनाया और निभाया जाता है।