गुजरात की राजधानी गांधीनगर में स्थित महात्मा मंदिर सफेद हाथी सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र है। हाल ही में इस महात्मा मंदिर को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। महात्मा गांधी के जीवन और दर्शन से प्रेरित इस मंदिर पर कभी भी ताला लग सकता है। दरअसल, आज विधानसभा में महात्मा मंदिर का मुद्दा उठाया गया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि महात्मा मंदिर का 2.32 करोड़ रुपये का किराया वसूली अभी बाकी है।
कभी भी लग सकता है ताला
विधानसभा में विपक्ष ने महात्मा मंदिर का मुद्दा उठाते हुए सरकार से सवाल पूछा कि जब महात्मा मंदिर पर लाखों रुपये का किराया वसूल करना अभी बकाया है, तो सरकार जानबूझकर इसे वसूलने में ढिलाई बरत रही है? आमतौर पर अगर कोई पार्टी सेंटर को किराए पर लेना चाहती है, तो उसे एडवांस अमाउंट देना होता है, लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि महात्मा मंदिर का रख-रखाव इतना अधिक है कि किसी भी समय इस पर ताला लग सकता है।
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समय बर्बाद कर रही सरकार
विपक्ष के अनुसार महात्मा मंदिर का इस्तेमाल केवल सरकार की चापलूसी के लिए किया जा रहा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के लिए एडवांस अमाउंट का भुगतान करने की इच्छा दिखाने के बावजूद, महात्मा मंदिर को किराए पर नहीं दिया गया। दूसरी ओर, पिछले 3 साल में महात्मा मंदिर का बकाया किराया 3,33,72,076 रुपये था। सरकार ने दावा किया कि एक साल में 1.01 करोड़ रुपये किराया वसूला गया। हालांकि, 2,32,72,076 रुपये किराया अभी भी बकाया है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने स्वयं स्वीकार किया है कि किराये के रूप में 2.32 करोड़ रुपये की बड़ी राशि बकाया है। लाखों रुपये किराया बाकी होने के बावजूद, सरकार छोटी-छोटी बातों पर समय बर्बाद कर रही है।