गुजरात पुलिस ने सुरेंद्रनगर से गन लाइसेंस बनाने के गोरखधंधे का भंडाफोड़ किया है। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने भारत थूंगा उर्फ भारत भरवाड़ उर्फ टको नामक माफिया को हथियारों के साथ गिरफ्तार किया है। गुजरात ATS और सुरेंद्रनगर SOG (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) इस मामले की गहराई से जांच कर रही थी। जांच के दौरान अहमदाबाद क्राइम ब्रांच को भारत उर्फ टको के केस में अहम जानकारी मिली। इसी बीच सुरेंद्रनगर SOG टीम ने 21 लोगों को गिरफ्तार किया और उनके पास से 25 हथियार बरामद किए।
गन लाइसेंस स्कैम में शामिल हैं अपराधी
हथियार और लाइसेंस हासिल करने वाले 21 लोगों में से 14 का आपराधिक इतिहास है। गन लाइसेंस घोटाले के मुख्य आरोपी मुकेश बंबा उर्फ मुकेश भरवाड़, विजय भरवाड़ और हरियाणा के शौकत का नाम सामने आया है। सुरेंद्रनगर में रहने और लाइसेंस लेने वाले कई लोगों का कनेक्शन मणिपुर और नागालैंड से जुड़ा हुआ है।
तीन दिन पहले सुरेंद्रनगर SOG के PI बी. एच. शिंगरखिया को सूचना मिली थी कि जिले में कई अपराधी पूर्वोत्तर राज्यों से ऑल इंडिया आर्म्स लाइसेंस (All India Arms License) और हथियार हासिल कर चुके हैं। इस आधार पर SOG टीम ने एक के बाद एक 21 लोगों को गिरफ्तार किया।
ताबड़तोड़ छापेमारी में 25 हथियार बरामद
पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी कर मूली, थानगढ़, सायला, लिम्बडी और सुरेंद्रनगर तालुका में छिपे अपराधियों को पकड़ा। 21 लोगों से रिवॉल्वर, पिस्तौल, 12 बोर गन सहित कई हथियार बरामद किए गए।
हैरान करने वाली बात यह है कि थानगढ़ तालुका के जामवाड़ी गांव के एक ही परिवार के चार भाइयों – गणपत, लाल, हीरा और जयेश ने अलग-अलग हथियारों के लाइसेंस लिए थे। लेकिन इससे पहले कि वे इन हथियारों का इस्तेमाल कर पाते, पुलिस ने इस मामले का पर्दाफाश कर दिया।
फर्जी दस्तावेजों से हथियार लाइसेंस
गन लाइसेंस प्राप्त करने वाले 14 लोगों का आपराधिक रिकॉर्ड पहले से ही पुलिस के पास था। सुरेंद्रनगर पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है। PSI एन. ए. रायमा अपनी टीम के साथ जब्त किए गए लाइसेंस की जांच के लिए नागालैंड और मणिपुर जा रहे हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई अपराधियों ने गन लाइसेंस लिए थे।
सुरेंद्रनगर के 80 फुट रोड पर रहने वाले कलोतरा बंधुओं ने भी गन लाइसेंस के जरिए पिस्तौल खरीदी थी और उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज है। पुलिस को संदेह है कि यह मामला और भी बड़ा घोटाला हो सकता है, जहां अपराधियों ने फर्जी दस्तावेजों से लाइसेंस हासिल किए और हथियार खरीदे।