Gujarat Bridge Collapse Tragedy Update: गुजरात के वडोदरा में हुए मुजपुर-गंभीरा पुल हादसे के पीड़ितों को 62 लाख रुपये की आर्थिक सहायता वितरित की गई है। मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए गए हैं। दरअसल, हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों और घायलों को आर्थिक सहायता देने के लिए राज्य सरकार अत्यंत संवेदनशील है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा घोषित की गई आर्थिक सहायता के अंतर्गत उपलब्ध सूची के अनुसार प्रभावितों को कुल 62 लाख रुपये के चेक वितरित किए गए हैं।
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बिना देरी किए वितरित किए गए चेक
हादसे की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए आर्थिक सहायता तत्काल स्वीकृत की गई थी और बिना किसी देरी के इसे वितरित भी किया गया। राज्य सरकार द्वारा मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की गई थी। छोटाउदेपुर के सांसद जशुभाई राठवा और पादरा के विधायक चैतन्य सिंह झाला ने सहायता राशि के चेक बांटे। उपलब्ध सरकारी सूची के अनुसार, हादसे में घायल हुए 4 लोगों और 15 मृतकों के परिजन को चेक बांटे गए। सांसद जशुभाई राठवा और पादरा के विधायक ने हादसा पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
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पादरा तालुका के पास हुआ था हादसा
मुजपुर-गंभीरा पुल दुर्घटना 9 जुलाई 2025 को गुजरात के वडोदरा जिले में पादरा तालुका के पास महीसागर नदी पर हुई थी। नदी पर बना गंभीरा पुल अचानक ढह गया था। यह पुल वडोदरा और आणंद जिलों को जोड़ता था और मध्य गुजरात को सौराष्ट्र क्षेत्र से जोड़ता था, लेकिन 9 जुलाई 2025 को सुबह 43 साल पुराने इस पुल का एक 12 मीटर लंबा स्लैब अचानक ढह गया। पुल का एक हिस्सा ढहने से 2 ट्रक, एक SUV कार, एक पिकअप वैन, एक बाइक 110 फीट नीचे महीसागर नदी में गिर गई थी। वहीं एक टैंकर पुल के टूटे हिस्से पर लटक गया था। मृतकों में 2 बच्चे भी शामिल थे।
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NDRF-SDRF ने चलाया था रेस्क्यू ऑपरेशन
6 लोग घायल हुए थे, जिन्हें वडोदरा के SSG अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्थानीय पुलिस, स्थानीय प्रशासन, NDRF, SDRF और स्थानीय तैराकों ने बचाव अभियान चलाया था। टूटे स्लैब को हटाने के लिए 20 हॉर्स पावर की डायमंड वायर कटिंग मशीन का इस्तेमाल किया गया था। पिकअप ड्राइवर अनवर शाह ने नदी में गिरने से पहले वाहन से कूदकर अपनी जान बचाई थी। गंभीरा पुल 1981-82 में उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम द्वारा बनाया गया था, जिसमें ‘क्रॉस आर्म पियर कैप’ तकनीक का इस्तेमाल हुआ था। 900 मीटर लंबा यह पुल 23 खंभों पर टिका था और 1985 से इस्तेमाल हो रहा था।