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गुजरात मे ‘फर्जी ऑफिस’; 3 साल में सरकार को लगा दिया साढ़े 4 करोड़ का चूना, अब ऐसे खुला राज

Gujarat Fake Government Office Fraud: गुजरात में लगातार ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां फर्जी कलेक्टर फर्जी पुलिस, फर्जी पीएमओ अधिकारी पकड़े जा रहे थे, लेकिन छोटा उदेपुर में तो हद ही हो गई, यहां न सिर्फ फर्जी अधिकारी सामने आए हैं बल्कि, पूरा का पूरा फर्जी सरकारी कार्यालय का खुलासा हुआ है।

Edited By : Shailendra Pandey | Updated: Oct 28, 2023 15:02
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ठाकुर भूपेंद्र सिंह, अहमदाबाद: विकास का मॉडल कहा जाने वाला गुजरात अब फर्जीवाड़े का एपिक सेंटर बनता दिखाई दे रहा है। पिछले कुछ समय से गुजरात में लगातार ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां फर्जी कलेक्टर फर्जी पुलिस फर्जी, पीएमओ अधिकारी पकड़े जा रहे थे, लेकिन छोटा उदेपुर में तो हद ही हो गई, यहां न सिर्फ फर्जी अधिकारी सामने आए हैं बल्कि, पूरा का पूरा फर्जी सरकारी कार्यालय का खुलासा हुआ है और सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि इस कार्यालय ने पिछले कुछ सालों में सरकार से करोड़ों रुपये का अनुदान भी प्राप्त किया है।

खोला गया था फर्जी सरकारी कार्यालय

सरकारी तंत्र की घोर लापरवाही को उजागर करते छोटा उदेपुर जिले के इस मामले में जो खुलासा हुआ है, उसके मुताबिक संदीप राजपूत नाम का एक शख्श खुद को बोडेली में सरकार के सिचाई विभाग का “कार्यकारी अभियंता” बता कर फर्जीवाड़ा कर रहा था और इस फर्जीवाड़े के लिए उसने 21 जुलाई 2021 से “कार्यकारी अभियंता, सिंचाई परियोजना प्रभाग, बोडेल्ही” नाम से एक सरकारी कार्यालय भी खोल रखा था, जिसमें वह 25 अक्टूबर 2023 तक काम करता रहा। संदीप ने जाली दस्तावेज, हस्ताक्षर और रिकॉर्ड के आधार पर 93 सरकारी परियोजनाओं के लिए 4,15,54,915 रुपये की धनराशि भी सरकारी खजाने से हासिल कर ली।

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अधिकारियों के उड़े होश

दरअसल, यह पूरा फर्जीवाड़ा तब उजागर हुआ, जब 25 अक्टूबर को जिला कलेक्टर सचिन कुमार की अध्यक्षता में एक बैठक के दौरान फंड मांगने वाले आवेदन के बारे में चर्चा की गई। चर्चा के दौरान जब सीमावर्ती गांव में लिफ्ट सिंचाई योजनाओं के तहत 12 कार्यों के लिए 3.78 करोड़ रुपये की मांग करने वाले आवेदनों पर बात हुई तो अधिकारियों को एहसास हुआ कि बोडेली में कार्यकारी अभियंता का कोई कार्यालय ही नहीं है ये जानकारी सामने आते ही अधिकारियों के होश उड़ गए उसके बाद तुरंत कलेक्टर ने एक जांच शुरू की और बोडेली कार्यालय के द्वारा संचालित परियोजनाओं और उसे प्राप्त धन का विवरण मांगा तो, पता चला की फर्जी कार्यकारी अभियंता और फर्जी कार्यालय ने जुलाई 2021 से 25 अक्टूबर तक 4,15,54,915 रुपये की सरकारी धनराशि उड़ा ली थी।

करोड़ों की ठगी का है मामला

करोड़ों की ठगी उजागर होते ही तुरंत छोटा उदेपुर पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक एसी परमार को सूचित किया गया और संदीप राजपूत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज संदीप राजपूत और इस फर्जीवाड़े में शामिल अबूबकर सैय्यद को भी गिरफ्तार कर लिया गया। एफआईआर जिला कार्यालय में कार्यरत जूनियर क्लर्क जावेद मकनोजिया की लिखित शिकायत के आधार पर दर्ज की गई।

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शुरुआती जांच में पता चला है कि सैय्यद अबूबकर एक स्थानीय ठेकेदार भी है। यह पहली बार है कि फर्जी सरकारी दफ्तर बनाकर इतनी ज्यादा रकम हड़पने का आरोप लगा है। इससे पहले फर्जी प्रधानमंत्री अधिकारी ,फर्जी मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी, फर्जी पुलिस जवान, फर्जी डिप्टी कलेक्टर बनकर आए कई जालसाज पकड़े जा चुके हैं।

आरोपी गिरफ्तार

पुलिस अधिकारी छोटा उदेपुर के मुताबिक पिछली 26 अक्टूबर को जिला कार्यालय में कार्यरत जूनियर क्लर्क जावेद द्वारा दर्ज की गई शिकायत के मुताबिक 2021 से 2023 तक तीन साल के दौरान संदीप राजपूत नाम के शख्श ने फर्जी कार्यालय बनाया है और खुद को कार्यकारी अभियंता बताने वाले संदीप ने फर्जी कागजों के आधार पर 93 स्थानों पर काम करने के बहाने साढ़े चार करोड़ के करीब ग्रांट हासिल की है। इस मामले में शिकायत दर्ज होने के बाद अलग-अलग टीम बनाकर तुरंत पहले आरोपी और फिर दूसरे आरोपी अबूबकर को गिरफ्तार किया गया।

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दोनों आरोपियों ने मिलकर सरकार की 4 करोड़ से ज्यादा की ग्रांट गलत तरीके से हासिल की, उन्होंने जो मुहर बनाई है वो भी गलत बनाया है। फिलहाल, इस मामले में कौन से खाते से पैसे जमा कराए गए हैं, इसकी जांच की जा रही है दूसरा, आरोपी पिछले सात आठ साल से सरकारी कामों का ठेका लेता था और उसने कुछ पैसे की लालच में इसका साथ दिया और काम हासिल किया। इन्होंने बस स्टैंड के पीछे कार्यलय बनाया है, जिसकी जांच होनी है। फिलहाल, इन आरोपियों को 12 दिन की रिमांड पर भेजा गया है।

मामले की जांच जारी

जिला अधिकारी छोटा उदेपुर ने बताया कि हमने जब मीटिंग में बोडेली के कार्यकारी इंजीनियर से काम की दरखास्त के बारे में बात की तो, उन्होंने मना किया कि उनकी तरफ से कोई काम या पैसे की दरखास्त नहीं दी गई है और बोडेली में उनका कोई दफ्तर भी नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि हस्ताक्षर भी फर्जी है, हमें शंका हुई फिर हमने तफ्तीश की और पता चला ये सब फर्जी है, जिसके बाद हमने पुलिस में शिकायत की और अभी जांच की जा रही है कि कैसे उन्होंने गलत अकाउंट बनाया और बाकी के जाली कागजात बनाए और कैसे पैसे हासिल किए। आरोपियों ने असली कार्यालय की जगह फर्जी दफ्तर बनाया और वहां से ये सब किया, जिसकी जांच की जा रही है।

इस मामले में अब कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार को इस तरह से फर्जी अधिकारी चुना लगा रहे है और सरकार सो रही है।

 

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Written By

Shailendra Pandey

First published on: Oct 28, 2023 03:02 PM

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