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गुजरात में बिल्डरों के लिए लागू हुआ RERA का नया नियम, खरीददारों पर क्या पड़ेगा फर्क

RERA New Rule Implemented For Gujarat Builders: गुजरात में बिल्डरों के लिए रियल एस्टेट रिगुलेरिटी अथॉरिटी (RERA) की तरफ से नया नियम लागू किया गया है।

Author Edited By : Pooja Mishra Updated: Oct 12, 2024 16:03
RERA New Rule Implemented For Gujarat Builders

RERA New Rule Implemented For Gujarat Builders: गुजरात की भूपेंद्र पटेल सरकार प्रदेश के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। प्रदेश विकास के तहत राज्य में बिल्डरों द्वारा लगातार संपत्ति निर्माण का भी काम किया जा रहा है। ऐसे में किसी भी संपत्ति योजना के बारे में सारी जानकारी देना बिल्डर और डेवलपर का कर्तव्य है, जिसका कुछ ही बिल्डर्स पालन करते हैं। ऐसे में रियल एस्टेट रिगुलेरिटी अथॉरिटी (RERA) की तरफ से नया नियम लागू किया गया है। नए नियम के अनुसार बिल्डरों अब से प्रोजेक्ट के ऐलान के साथ ही ब्रोशर और प्रॉस्पेक्टस में यूआई कोड देना अनिवार्य हो गया है। RERA ने एक सर्कुलर जारी कर इस नियम को 1 अक्टूबर से लागू कर दिया है।

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RERA का नया नियम लागू

अगर किसी रियल एस्टेट स्कीम के बारे में जानकारी हो तो लोगों को प्रोजेक्ट साइट पर जाना होगा। यह जानकारी सभी लोगों तक आसानी से उपलब्ध कराने के लिए RERA ने एक नया प्रयास किया है। गुजरात रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (गुजरेड़ा) ने एक सर्कुलर जारी किया है। जिसके मुताबिक, रियल एस्टेट प्रोजेक्ट विश की तरफ से पब्लिश सभी विज्ञापनों, ब्रोशर और प्रॉस्पेक्टस में क्विक रिस्पांस (क्यूआर) कोड लगाने का आदेश दिया गया है। इस नियम से कोई भी व्यक्ति QR कोड की मदद से प्रोजेक्ट के बारे में आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकता है। यह नियम 1 अक्टूबर से लागू कर दिया गया है। निर्माण स्थल की सारी जानकारी एक क्लिक पर पाने के मकसद से यह नियम लागू किया गया है।

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RERA का बयान

वहीं, RERA ने कहा कि RERA रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट यूआई कोड-हितधारक-घर खरीदार अपने स्मार्टफोन से निवेशकों और अन्य इच्छुक पार्टियों से जुड़े सभी प्रोजेक्ट के बारे में सारी जानकारी हासिल कर सकेंगे। हालांकि बिक्री के लिए अनुबंध (AFS), बिक्री विलेख और बाकी के बाध्यकारी समझौतों जैसे कानूनी दस्तावेजों के लिए 8-अंकीय कोड के बजाय पूर्ण RERA रजिस्ट्रेशन नंबर का उपयोग किया जाना चाहिए। इससे गंभीर कानूनी लेनदेन में भ्रम और गलत बयानी को रोका जा सकेगा।

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Pooja Mishra

First published on: Oct 12, 2024 02:57 PM

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