ठाकुर भूपेन्द्र सिंह, अहमदाबाद: भारतीय कोस्ट गार्ड यूनिट्स भीषण चक्रवाती तूफान ‘बिपरजोय’ को देखते हुए जहाजों, विमानों और रडार स्टेशनों के जरिए मछुआरों को नियमित चेतावनी भेज रही हैं। भारतीय तटरक्षक क्षेत्र-उत्तर पश्चिम ने गुजरात, दमन, दीव के मछुआरा समुदाय और नाविकों और हितधारकों को आवश्यक सावधानी और सुरक्षा उपाय करने की सलाह देने के लिए आउटरीच शुरू किया है। गुजरात सूचना विभाग ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के उत्तर-पूर्वोत्तर की ओर बढ़ने की संभावना के साथ अब इसका खतरा गुजरात पर मंडराने लगा है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटे में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के तेज होने की संभावना है।
पोरबंदर से करीब 600 किलोमीटर दूर
जानकारी के मुताबिक चक्रवात ने अब दिशा बदल कर अपना रुख जाखौ की ओर कर दिया है। ये तूफान 9 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से समुद्र में आगे बढ़ रहा है। जिसका असर कच्छ के साथ साथ सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तटीय इलाकों में अब दिखाई देने लगा है। वर्तमान स्थिति के अनुसार विनाशकारी चक्रवात पोरबंदर से करीब 600 किलोमीटर दूर है। गुजरात के तट पर इस तूफान का असर 11 जून से देखा जा सकता है। राज्य में मछुआरों और तटीय इलाकों को पहले ही अलर्ट कर दिया गया है। ऐसी संभावना है कि 11 जून से 14 जून तक गुजरात के तटीय इलाकों में 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। वलसाड प्रशासन द्वारा एहतियात के तौर पर तीथल बीच को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है।
तटीय जिलों में प्रशासन अलर्ट
गुजरात के सभी तटीय जिलों में प्रशासन अलर्ट हो गया है। बंदरगाहों पर चेतावनी के संकेत लगाए गए हैं। तालुक के अधिकारियों को मुख्यालय नहीं छोड़ने का आदेश दिया गया है। कच्छ दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र में 15 एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 11 टीम तैनात कर दी गई है। समुद्री किनारे से लगे करीब 200 गांवो को अलर्ट जारी कर दिए गए हैं।