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गुजरात

गुजरात पुलिस ने कांग्रेस महासचिव को क्यों किया गिरफ्तार? ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ा है मामला

गुजरात कांग्रेस महासचिव राजेश सोनी को भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर पर गुमराह करने वाले पोस्ट डालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। उन पर BNS की कड़ी धाराएं लगी हैं। जानें उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में ऐसा क्या लिख दिया था?

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Jun 6, 2025 22:08
Congress Rajesh Soni
कांग्रेस महासचिव राजेश सोनी (फोटो सोर्स- Rajesh Soni/Facebook)

गुजरात कांग्रेस महासचिव राजेश सोनी को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार, उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की सख्त धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। सोनी के खिलाफ गुरुवार को FIR दर्ज होने के बाद अपराध जांच विभाग की साइबर अपराध शाखा ने शुक्रवार की सुबह-सुबह गिरफ्तार कर लिया। आखिर क्यों हुई कांग्रेस महासचिव राजेश सोनी की गिरफ्तारी?

राजेश सोनी पर सोशल मीडिया पर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर गुमराह करने वाले और सेना का मनोबल तोड़ने वाले पोस्ट डालने का आरोप है। सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने को लेकर ही उनके खिलाफ कार्रवाई हुई है। उन्होंने कथित तौर पर भारतीय सेना की ओर से पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में चलाए गए भारतीय सेना के अभियान ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाए थे। बता दें कि यह ऑपरेशन 7 से 10 मई के बीच हुआ था।

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गंभीर धाराओं में दर्ज हुई है FIR

राजेश सोनी की गिरफ्तार पर पुलिस ने बताया कि सोनी पर आरोप है कि फेसबुक पर भ्रामक पोस्ट डालकर उन्होंने सेना का मनोबल गिराया और भारत की संप्रभुता को खतरे में डाला। इसी आरोप के चलते कांग्रेस नेता के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य) और 353(1)(ए) (जनता को भड़काने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

सोशल मीडिया पोस्ट में क्या लिखा था?

FIR में सोनी के दो फेसबुक पोस्ट का भी जिक्र किया गया है। एक पोस्ट में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फाइटर जेट पायलट की वर्दी में पोस्टर की तस्वीर साझा की थी, जो ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित थी। इस पोस्ट में गुजराती में लिखा था, कृपया ध्यान दें कि सैनिकों को कोई श्रेय नहीं मिलेगा। ऑपरेशन सिंदूर में राफेल उड़ाने की लागत से दोगुना खर्च उनके प्रचार पर किया जाएगा। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि एक अन्य पोस्ट में लोगों को यह कहते हुए भड़काने की कोशिश की कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत सरकार ने आत्मसमर्पण कर दिया था।

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बता दें कि बीएनएस धारा 353 (1) (ए) उन लोगों पर लगाया जाता है, जिन पर जानबूझकर झूठी जानकारी, अफवाह या बयान देते हैं, जिससे अधिकारी या सैनिक का मनोबल टूटे या वे अपने कर्तव्य का पालन न कर पाएं। बीएनएस की धारा 152 के तहत अधिकतम सजा उम्रकैद से लेकर सात साल तक की हो सकती है, साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

First published on: Jun 06, 2025 08:25 PM

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