Noida News: उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई सब्सिडी योजना 13 अक्टूबर को समाप्त हो रही है. इसके बाद 14 अक्टूबर से केवल उत्तर प्रदेश में निर्मित और पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहनों पर ही सब्सिडी दी जाएगी. यह परिवर्तन ईवी नीति के तहत 3 वर्षों की निर्धारित अवधि पूरी होने के बाद किया जा रहा है.
2022 में लागू हुई थी नीति
प्रदेश सरकार ने अक्टूबर 2022 में इलेक्ट्रिक वाहन नीति लागू की थी, जिसके तहत टैक्स और रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट के साथ-साथ सब्सिडी का प्रावधान किया गया था. अब तक परिवहन विभाग द्वारा लगभग 60 करोड़ रुपये की सब्सिडी वितरित की जा चुकी है, जिनमें से 40 करोड़ रुपये की राशि केवल अप्रैल 2025 के बाद दी गई है.
17665 लोगों को मिला लाभ
अब तक 17,665 वाहन मालिकों को लाभ मिल चुका है, जबकि 38,285 आवेदन प्रक्रियाधीन हैं. अंतिम तिथि से पहले किए गए सभी योग्य आवेदनों को सब्सिडी दी जाएगी.
ईवी निर्माण को मिलेगा बढ़ावा
नई नीति के तहत 14 अक्टूबर 2025 से 2027 तक केवल उन्हीं वाहनों को सब्सिडी मिलेगी जो उत्तर प्रदेश में निर्मित और रजिस्टर्ड होंगे. इससे प्रदेश में ईवी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा. वर्तमान में कई शहरों में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण यूनिट्स स्थापित हो रही हैं और आने वाले वर्षों में यह संख्या और बढ़ने की संभावना है.
कमर्शियल वाहन चालकों की मांग भी चर्चा में
इस बीच आजाद चालक यूनियन और द इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स के प्रतिनिधिमंडल ने परिवहन मंत्री से भेंट कर कमर्शियल वाहनों की उम्र सीमा 8 साल से बढ़ाकर 15 साल करने की मांग की है. प्रतिनिधियों ने महंगाई के मद्देनज़र किराया 40% तक बढ़ाने और एग्रीगेटर पॉलिसी ड्राफ्ट समिति में अपने दो प्रतिनिधियों को शामिल करने की भी मांग रखी.
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