Parliament Winter Session Bills: नई दिल्ली में संसद का शीतकालीन सत्र शेड्यूल हो गया है और तारीखों की घोषणा होने के साथ ही पेश किए जाने वाले बिलों की डिटेल भी सामने आ गई है. संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू होगा और 19 दिसंबर तक चलेगा. कुल 15 बैठकें होंगी और 10 नए विधेयक पेश किस जाएंगे.
हालांकि शीतकालीन सत्र के लिए 12 विधेयक लिस्टिड हैं, लेकिन 10 विधेयक नए हैं, जिनमें एक संवैधानिक संशोधन भी शामिल हैं. सेशन के दौरान जहां संवैधानिक संशोधन बिल पर हंगामा हो सकता है, वहीं SIR विवाद, वोट चोरी, दिल्ली में वायु प्रदूषण और बिहार विधानसभा चुनाव परिणामों पर भी हंगामेदार चर्चा हो सकती है.
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संविधान का 131वां संशोधन विधेयक 2025
संसद के शीतकालीन सत्र में संविधान संशोधन विधेयक 2025 पेश किया जाएगा. इस विधेयक का मकसद चंडीगढ़ को संविधान के अनुच्छेद 240 के दायरे में लाना है. वर्तमान में चंडीगढ़ के प्रशासक पंजाब के राज्यपाल होते हैं और उनके द्वारा ही चंडीगढ़ के लिए नियम, विनियम बनाए जाते हैं और जरूर फैसले लिए जाते हैं.
लेकिन संशोधन बिल पास होने के बाद चंडीगढ़ जम्मू-कश्मीर, अंडमान निकोबार, लक्षद्वीप, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव एवं पुडुचेरी की तरह विधानसभा रहित UT बन जाएगा, जहां LG की नियुक्ति की जा सकेगी. वहीं चंडीगढ़ से जुड़े नियम, विनियम बनाने और फैसले लेने का अधिकार राष्ट्रपति को मिल जाएगा.
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संसद सत्र में पेश किए जा सकते हैं ये बिल
शीतकालीन सत्र में एटॉमिक एनर्जी बिल 2025 पेश किया जा सकता है, जिसके तहत प्राइवेट कंपनियों को भी परमाणु ऊर्जा पैदा करने वाले पावर प्लांट लगाने की परमिशन मिलेगी. हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया बिल 2025 पेश होगा, जिसके तहत UGC, AICTE, NCTE जैसी संस्थाओं को खत्म करके एक उच्च शिक्षा आयोग स्थापित करने का प्रावधान किया गया है. नेशनल हाईवेज (संशोधन) बिल 2025 भी पेश किया जाएगा, जिसके तहत नेशनल हाईवे बनाने के लिए जमीन का अधिग्रहण करने की प्रक्रिया को सरल बनाने का प्रावधान है.
मार्केट्स कोड बिल 2025 संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा, जिसमें सिक्योरिटीज मार्केट में सुधार और मॉडर्नाइजेशन करने का प्रावधान है. ऑर्बिट्रेशन एंड कॉन्सीलिएशन (अमेंडमेंट) बिल 2025 के तहत कंपनियों और लोगों के बीच होने वाले विवादों के समाधान तेज से निकालने की प्रक्रिया को सरल बनाने का प्रावधान है. जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक 2025 के तहत प्रशासन पर जनता के विश्वास को और मजबूत करने के लिए प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार का प्रावधान है.
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इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (संशोधन) बिल 2025 का मकसद दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया में सुधार लाना है. बीमा क्षेत्र सुधार बिल 2025 और मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025 भी पेश किया जाएगा. कॉर्पोरेट कानून (संशोधन) विधेयक 2025 भी सत्र में पेश किया जा सकता है. इसके अलावा 129वां या 130वां संशोधन बिल भी पेश करने की तैयारी है, जिसके तहत गिरफ्तार प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री को पद से हटाने से जुड़ा प्रावधान किया गया है.










