Who Is Atishi Marlena Delhi New CM: आतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनेंगी। अरविंद केजरीवाल ने आप AAP के विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लेने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने का ऐलान किया। ऐसे में दिल्ली को एक बार फिर महिला मुख्यमंत्री मिल गई हैं। इससे पहले शीला दीक्षित और सुषमा स्वराज दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। शीला दीक्षित 3 बार राजधानी की मुख्यमंत्री बनी थीं।
वही सुषमा स्वराज का बतौर मुख्यमंत्री कार्यकाल सिर्फ 52 दिन का रहा। इसके बाद अब आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री हैं। वे आम आदमी पार्टी की कर्मठ सदस्य और साल 2013 से अरविंद केजरीवाल के साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़ी हैं। 2013 में आप जॉइन करने से पहले वे एक स्कूल में टीचर थीं। 11 साल में आतिशी ने मुख्यमंत्री बनने तक का सफर कैसे पूरा किया? उनका निजी जीवन कैसा रहा? आइए जानते हैं…
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जन्म, पढ़ाई और परिवार
8 जून 1981 को दिल्ली में जन्मीं आतिशी पंजाबी राजपूर परिवार से आती हैं। उनके पिता विजय सिंह दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हैं। उनकी मां तृप्ता वाही हाउस वाइफ हैं। उनके पति का नाम प्रवीण सिंह है, जो एक रिसर्चर और एजुकेटर हैं, लेकिन वे उनके साथ बहुत कम नजर आते हैं।
शायद ही किसी पॉलिटिकल इवेंट में उन्हें आतिशी के साथ देखा गया हो। आतिशी नई दिल्ली के ही स्प्रिंगडेल्स स्कूल से पढ़ी हैं। साल 2001 में उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज से हिस्ट्री में ग्रेजुएशन की। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से हिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन की। साल 2005 में उन्होंने मैग्डलेन कॉलेज ऑक्सफोर्ड जॉइन किया। भारत आने के बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश के ऋषि वैली स्कूल में इतिहास विषय पढ़ाया। इस दौरान उन्होंने कई NGO के साथ काम किया।
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आतिशी का राजनीतिक करियर
आतिशी ने जनवरी 2013 में आम आदमी पार्टी जॉइन की थी और AAP की मेनिफेस्टो ड्राफ्टिंग कमेटी की मेंबर बनीं। साल 2015 में आतिशी ने मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में जल सत्याग्रह में हिस्सा लिया। जुलाई 2015 से अप्रैल 2018 तक वे दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार रहीं। लोकसभा चुनाव 2019 में उन्हें पूर्वी दिल्ली की लोकसभा चुनाव प्रभारी बनाया गया। उन्होंने इस सीट से लोकसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन भाजपा उम्मीदवार गौतम गंभीर ने उन्हें 4.77 लाख वोटों से हरा दिया।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 उन्होंने दक्षिण दिल्ली के कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से लड़ा और भाजपा उम्मीदवार धर्मबीर सिंह को 11422 वोटों से हराकर विधायक बनीं। इसके बाद उन्हें गोवा में AAP का प्रभारी बनाया गया। दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तारी के बाद उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के इस्तीफे और करप्शन केस में फंसे स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के इस्तीफे के बाद उन्हें और सौरभ भारद्वाज को कैबिनेट मंत्री बनाया गया।
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