नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद निरोधी समिति की बैठक के दूसरे दिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्य दिल्ली में एकत्र हुए। इस दौरान आतंकवाद से बचने वाले लोगों, पीड़ितों और उनके परिवारों की याद में एक मिनट का मौन रखा गया।
दिल्ली में आतंकवाद निरोधी समिति की विशेष बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद मानवता के ऊपर सबसे बड़े ख़तरों में से एक है। UNSC ने पिछले 2 दशकों मेंआतंकवाद जैसे ख़तरे से निपटने के लिए मुख्य रूप से आतंकवाद विरोधी प्रतिबंध व्यवस्था के आसपास निर्मित एक महत्वपूर्ण वास्तुकला विकसित की है।
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In recent yrs, terrorist groups, ideological fellow travellers particularly in open & liberal societies & lone wolf attackers have enhanced their capabilities by gaining access to tech. They use tech, money & ethos of open societies to attack freedom, tolerance & progress: EAM pic.twitter.com/OgVm4ifICh
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) October 29, 2022
विदेश मंत्री ने कहा कि CTC की इस विशेष बैठक के लिए आज दिल्ली में आप सबकी उपस्थिति यहां पर हुई है जो कि UNSC के सदस्य, सदस्य देशों के आतंकवाद के महत्वपूर्ण और उभरते हुए पहलूओं पर ध्यान केंद्रीत करने को दर्शाती है। यह उन देशों को का ध्यान केंद्रीत करने में बहुत प्रभावी रहा है जिन्होंने आतंकवाद को राज्य द्वारा वित्त पोषित उद्यम में बदला है।
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#WATCH | Delhi: Members of the international community gathered for the second day of the meeting of the UN Security Council’s Counter-Terrorism Committee, observe a minute's silence to commemorate the survivors and victims of terrorism and their families. pic.twitter.com/2Du1c76qo3
— ANI (@ANI) October 29, 2022
जयशंकर ने कहा कि हाल के वर्षों में आतंकवादी समूहों ने विशेष रूप से खुले और उदार समाजों में तकनीक तक पहुंच प्राप्त करके अपनी क्षमताओं को बढ़ाया है। वे स्वतंत्रता, सहिष्णुता और प्रगति पर हमला करने के लिए खुले समाज की तकनीक, धन और लोकाचार का उपयोग करते हैं।
उन्होंने कहा कि समाज को अस्थिर करने के उद्देश्य से प्रचार, कट्टरता और षड्यंत्र के सिद्धांतों को फैलाने के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आतंकवादियों और आतंकवादी समूहों के टूलकिट में शक्तिशाली उपकरण बन गए हैं।
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