---विज्ञापन---

‘राजनेताओं के लिए अलग नियम नहीं बना सकते…’, सुप्रीम कोर्ट ने 14 विपक्षी दलों याचिका को सुनने से किया इंकार

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों को बड़ा झटका लगा है। बुधवार को शीर्ष अदालत ने विपक्षी दलों की याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया। अदालत ने कहा कि राजनेताओं के लिए अलग दिशा-निर्देश नहीं बना सकते हैं। इसके बाद नेताओं ने अपनी याचिका वापस ले ली है। दरअसल, याचिका […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Apr 13, 2023 12:34
Share :
same gendar marriages, DY Chandrachud, LGBTQIA+ citizens, Supreme Court

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों को बड़ा झटका लगा है। बुधवार को शीर्ष अदालत ने विपक्षी दलों की याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया। अदालत ने कहा कि राजनेताओं के लिए अलग दिशा-निर्देश नहीं बना सकते हैं। इसके बाद नेताओं ने अपनी याचिका वापस ले ली है।

दरअसल, याचिका में नेताओं ने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार केंद्रीय एजेंसी सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग कर रही है। मांग की गई थी कि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग तत्काल प्रभाव से रोका जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने से ही मना कर दिया।

---विज्ञापन---
यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने हटाया मलयालम न्यूज चैनल से बैन, सीजेआई बोले- लोकतांत्रिक देश के लिए प्रेस की आजादी महत्वपूर्ण

सिंघवी बोले- 95 फीसदी विपक्ष के नताओं की हो रही जांच

विपक्षी नेताओं की तरफ से कोर्ट में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सामूहिक गिरफ्तारी लोकतंत्र के लिए खतरा है। यह तानाशाही की निशानी है। लोकतंत्र खत्म हो रहा है।

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 885 अभियोजन शिकायतें दर्ज की गई, लेकिन सजा सिर्फ 23 में हुई। ऐसे में 2004 से 2014 तक लगभग आधी अधूरी जांच ही हुई। 2014 से 2022 तक ईडी ने 121 राजनेताओं की जांच की, उनमें 95 फीसदी विपक्ष से हैं।

---विज्ञापन---

सीजेआई ने कहा- राजनेता भी देश के ही नागरिक 

इस पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह एक या दो पीड़ित व्यक्तियों की दलील नहीं है। यह 14 राजनीतिक दलों की दलील है। क्या हम कुछ आंकड़ों के आधार पर कह सकते हैं कि जांच से छूट होनी चाहिए? आपके आंकड़े अपनी जगह सही है। लेकिन क्या राजनेताओं के पास जांच से बचने का कोई विशेषाधिकार है? आखिर राजनेता भी देश के ही नागरिक हैं।

24 मार्च को इन दलों ने दाखिल की थी याचिका

24 मार्च को 14 दलों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। उनमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, जनता दल यूनाइटेड, भारत राष्ट्र समिति, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, शिवसेना (उद्धव), नेशन कॉन्फ्रेंस, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी सीपीआई, सीपीएफ, डीएमके शामिल हैं। इन सभी का कहना था कि लोकतंत्र खतरे में है। केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।

अनुराग ठाकुर बोले- कांग्रेस कर रही भ्रष्टाचार की अगुवाई

अनुराग ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट से विपक्षी दलों की याचिका अस्वीकार होने पर कहा कि विपक्षी पार्टी भ्रष्टाचार करने से बाज नहीं आती और जब जांच होती है तो वे सड़क पर उतर आते हैं। कांग्रेस भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों का नेतृत्व कर रही हैं। जांच में सहयोग करने के बजाय बहाने बनाकर कोर्ट में मामले को लटकाने की कोशिश की जाती है।

और पढ़िए – विपक्षी एकता मुहिम: नीतीश से मुलाकात के बाद केजरीवाल बोले- केंद्र में सबसे भ्रष्ट सरकार, अनुराग ठाकुर ने किया पलटवार

ओवैसी ने कहा- यह गलत कदम था

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह एक गलत कदम था। राजनीति करने का सही तरीका नहीं था। सुप्रीम कोर्ट जाना एक नासमझी भरा फैसला था।

और पढ़िए – देश से जुड़ी खबरें यहां पढ़ें

HISTORY

Edited By

Bhola Sharma

Edited By

Manish Shukla

First published on: Apr 05, 2023 04:12 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें