Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों को बड़ा झटका लगा है। बुधवार को शीर्ष अदालत ने विपक्षी दलों की याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया। अदालत ने कहा कि राजनेताओं के लिए अलग दिशा-निर्देश नहीं बना सकते हैं। इसके बाद नेताओं ने अपनी याचिका वापस ले ली है।
दरअसल, याचिका में नेताओं ने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार केंद्रीय एजेंसी सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग कर रही है। मांग की गई थी कि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग तत्काल प्रभाव से रोका जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने से ही मना कर दिया।
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सिंघवी बोले- 95 फीसदी विपक्ष के नताओं की हो रही जांच
विपक्षी नेताओं की तरफ से कोर्ट में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सामूहिक गिरफ्तारी लोकतंत्र के लिए खतरा है। यह तानाशाही की निशानी है। लोकतंत्र खत्म हो रहा है।
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 885 अभियोजन शिकायतें दर्ज की गई, लेकिन सजा सिर्फ 23 में हुई। ऐसे में 2004 से 2014 तक लगभग आधी अधूरी जांच ही हुई। 2014 से 2022 तक ईडी ने 121 राजनेताओं की जांच की, उनमें 95 फीसदी विपक्ष से हैं।
Supreme Court refuses to entertain a plea filed by 14 opposition parties, led by the Congress, alleging “arbitrary use” of central probe agencies like Central Bureau of Investigation (CBI) and the Enforcement Directorate (ED) against opposition leaders and seeking a fresh set of… pic.twitter.com/0DfvhhYxjN
— ANI (@ANI) April 5, 2023
सीजेआई ने कहा- राजनेता भी देश के ही नागरिक
इस पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह एक या दो पीड़ित व्यक्तियों की दलील नहीं है। यह 14 राजनीतिक दलों की दलील है। क्या हम कुछ आंकड़ों के आधार पर कह सकते हैं कि जांच से छूट होनी चाहिए? आपके आंकड़े अपनी जगह सही है। लेकिन क्या राजनेताओं के पास जांच से बचने का कोई विशेषाधिकार है? आखिर राजनेता भी देश के ही नागरिक हैं।
24 मार्च को इन दलों ने दाखिल की थी याचिका
24 मार्च को 14 दलों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। उनमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, जनता दल यूनाइटेड, भारत राष्ट्र समिति, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, शिवसेना (उद्धव), नेशन कॉन्फ्रेंस, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी सीपीआई, सीपीएफ, डीएमके शामिल हैं। इन सभी का कहना था कि लोकतंत्र खतरे में है। केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
अनुराग ठाकुर बोले- कांग्रेस कर रही भ्रष्टाचार की अगुवाई
अनुराग ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट से विपक्षी दलों की याचिका अस्वीकार होने पर कहा कि विपक्षी पार्टी भ्रष्टाचार करने से बाज नहीं आती और जब जांच होती है तो वे सड़क पर उतर आते हैं। कांग्रेस भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों का नेतृत्व कर रही हैं। जांच में सहयोग करने के बजाय बहाने बनाकर कोर्ट में मामले को लटकाने की कोशिश की जाती है।
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#WATCH | This was a wrong step, not a correct way of doing politics when we are facing a formidable opponent like BJP led by Narendra Modi. Going to the Supreme Court was an unwise decision. Now, this has given BJP an opportunity to say that SC is supporting us: AIMIM MP A Owaisi pic.twitter.com/44TPnuQ7Pi
— ANI (@ANI) April 5, 2023
ओवैसी ने कहा- यह गलत कदम था
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह एक गलत कदम था। राजनीति करने का सही तरीका नहीं था। सुप्रीम कोर्ट जाना एक नासमझी भरा फैसला था।