---विज्ञापन---

‘दुखद…किसी को परवाह नहीं’, DERC चीफ की नियुक्ति पर दिल्ली सरकार और LG पर सुप्रीम कोर्ट का बयान

नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली से जुड़े दो मामलों की एक साथ सुनवाई की। अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकारों को लेकर दाखिल दिल्ली सरकार की याचिका को संविधान पीठ के पास भेज दिया है। संविधान पीठ में 5 जज होंगे। वहीं, दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (DERC) के प्रमुख की नियुक्ति खुद करने […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Jul 21, 2023 14:05
Share :
Supreme Court, Delhi Arvind Kejriwal And Delhi LGGovt, Delhi Electricity Regulatory Commission
Arvind Kejriwal And Delhi LG

नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली से जुड़े दो मामलों की एक साथ सुनवाई की। अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकारों को लेकर दाखिल दिल्ली सरकार की याचिका को संविधान पीठ के पास भेज दिया है। संविधान पीठ में 5 जज होंगे। वहीं, दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (DERC) के प्रमुख की नियुक्ति खुद करने का फैसला लिया है।

किसी को संस्था की परवाह नहीं

सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि अरविंद केजरीवाल सरकार और उप राज्यपाल के बीच दिल्ली विद्युत नियामक आयोग के प्रमुख के लिए एक नाम पर आम सहमति नहीं बन सकी है। इस पर अदालत ने कहा कि यह दुखद है कि किसी को भी संस्था की परवाह नहीं है। अदालत ने फैसला किया कि अब वह डीईआरसी चीफ की नियुक्ति करेगी।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें: दिल्ली में ट्रेडमिल पर दौड़ते समय करंट लगने से 24 साल के इंजीनियर की मौत, जिम मालिक गिरफ्तार

एलजी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने सुझाव दिया कि राष्ट्रपति ने डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति की है और अदालत को या तो अध्यक्ष के खिलाफ निषेधाज्ञा देनी चाहिए या उन्हें पद पर बने रहने देना चाहिए।

---विज्ञापन---

दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि नियुक्ति अध्यादेश के आधार पर की गई थी, जिसे चुनौती दी गई है।

संविधान पीठ बनाने में लगेगा दो महीने का वक्त

दोनों मामलों की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ में न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने की। अदालत ने कहा कि अध्यादेश की वैधता संविधान पीठ के पास जाएगी और इसमें एक या दो महीने लगेंगे। तब तक डीईआरसी कैसे काम नहीं कर सकता है?

यह भी पढ़ें: Sabse Bada Sawal: क्या INDIA नाम रख लेने से 2024 का लोकसभा चुनाव जीत लेगा विपक्ष?

अब 4 अगस्त को होगी सुनवाई

अदालत ने तदर्थ नियुक्ति और उस सूची पर भी दलीलें सुनीं जिसमें से नियामक प्रमुख को चुना जाना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सहित वकीलों से कुछ समय इंतजार करने को कहा। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम अपना फैसला खुद लेंगे। हम कोई सूची नहीं देखेंगे। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त को तय की है।

और पढ़िए – प्रदेश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें

HISTORY

Edited By

Bhola Sharma

Edited By

Manish Shukla

First published on: Jul 20, 2023 04:26 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें