नई दिल्ली: आप पार्टी से राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने बीजेपी पर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। आप नेता ने कहा कि विपक्षी दलों के जितने भी नेताओं पर सीबीआई-ईडी के केस चल रहे हैं, अगर वो अपनी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो जाते हैं तो उनके सारे मामले बंद हो जाएंगे। उन्होंने तथाकथित भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हिमंत विश्व सरमा, सुभेंदु अधिकारी, नारायण राणे और मुकुल राय का उदाहरण देते हुए कहा कि इन नेताओं की तरह अगर मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, तेजस्वी यादव, संजय राउत, फरूख अब्दुल्ला, के. कविता भी अपनी पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो जाएं तो इनके सारे केस बंद हो जाएंगे।
भारत को विपक्ष मुक्त बनाना है
राज्यसभा सदस्य ने कहा कि भाजपा ऐसी वॉशिंग मशीन है, जिसमें एक तरफ से भ्रष्टाचारी डालो तो दूसरी तरफ से क्लीन चिट होकर निकलते हैं। राघव चड्ढा ने केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि भाजपा का एकमात्र मकसद भारत को विपक्ष मुक्त बनाना है, ताकि देश में सिर्फ एक ही पार्टी-एक ही नेता हो और विपक्षी दल या उसके नेता अपना सिर उठाने की हिम्मत न करें।
ईडी और सीबीआई मुकदमे दर्ज कर रही
राज्यसभा सदस्य ने कहा कि अगर मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन भाजपा में शामिल हो जाते हैं, तो उन पर ईडी-सीबीआई के सारे मुकदमें बंद हो जाएंगे। इसी तरह, अगर तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, शिवसेना के संजय राउत, नेशनल कांग्रेस के फारूख अब्दुल्ला, कर्नाटक के कांग्रेस नेता डी.के. शिवकुमार, टीआरएस की के. कविता, आरजेडी के तेजस्वी यादव भाजपा में शामिल हो जाते हैं, तो उन पर ईडी-सीबीआई के सारे मुकदमें बंद हो जाएंगे। विपक्ष के नेताओं की एक लंबी लिस्ट है, जिन पर राजनीतिक साजिश के तहत ईडी-सीबीआई के मुकदमे दर्ज किए गए हैं। विपक्ष के जिन नेताओं पर ईडी-सीबीआई के मुकदमे दर्ज हैं और अगर वे सारे नेता अपनी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो जाएं, तो इन पर ईडी-सीबीआई के चल रहे सारे मामले बंद हो जाएंगे। आज यही देश की सच्चाई है।
आप नेता को पकड़कर जेल में बंद कर दिया
राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि एक तरफ मनीष सिसोदिया हैं, जिन पर अगस्त 2022 में सीबीआई और ईडी ने मुकदमें दर्ज किए। अगस्त 2022 से मार्च 2023 तक भाजपा की इन एजेंसियों ने मनीष सिसोदिया के घर, पैतृक गांव, दफ्तर, बैंक अकाउंट, लॉकर की जांच की, लेकिन इनको एक पैसा भी नहीं मिला। इसके बावजूद राजनैतिक कारणों के चलते ईडी-सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को पकड़कर जेल में बंद कर दिया। वहीं, दूसरी ओर, कुछ दिन पहले ही कर्नाटक में भाजपा विधायक के घर से रेड में 8 करोड़ रुपए नकद मिला। लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई। उनको जांच में भी नहीं बुलाया गया। भाजपा की इन एजेंसियों ने कोर्ट से उसको अग्रिम जमानत दिवला दी। यह एक ऐसा उदाहरण है कि रंगेहाथ 8 करोड़ रुपए कैश पकड़े जाने के बाद भी उस व्यक्ति को जेल में नहीं बंद किया जाता है, बल्कि ईडी-सीबीआई उसे कोर्ट से बेल दिलवाती है और जुलूस निकाल कर उसका अभिनंदन किया जाता है।