PM Modi On No confidence Motion, नई दिल्ली: मणिपुर हिंसा को लेकर संसद में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने हर आरोप की नो बॉल पर चुटकियाें के चौके-छक्के लगाए। जैसा कि प्रधानमंत्री का चिरपरिचत अंदाज है कि वह अपने भाषण में एक के बाद एक चुटीला पुट लाते ही रहते हैं, आज फिर कुछ वैसा ही हुआ। उन्होंने लगभग 2 घंटे तक विपक्ष को पानी पी-पीकर कोसा। फिर भाषण खत्म करते-करते विपक्ष की तारीफ भी कर गए। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को ईश्वर का आदेश बताने से शुरुआत की और फिर ‘गुड़ गोबर’ जैसे लोक प्रचलित मुहावरे भी इस्तेमाल किए। आइए जानें प्रधानमंत्री ने और कौन-कौन से तीखे शब्दबाण चलाए…
अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भगवान बहुत दयालु हैं और भगवान की मर्जी होती है तो वो किसी न किसी के माध्यम से अपनी इच्छा की पूर्ति करता है। मैं इसे भगवान का आशीर्वाद मानता हूं कि ईश्वर ने विपक्ष को सुझाया और वो प्रस्ताव लेकर आए। 2018 में भी ये ईश्वर का ही आदेश था, जब विपक्ष के मेरे साथी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए। तब भी मैंने कहा था कि ये प्रस्ताव हमारी सरकार का हीं, बल्कि ये उन्हीं का फ्लोर टेस्ट है, क्योंकि जब मतदान हुआ तो विपक्ष के पास जितने वोट थे, उतने भी जमा नहीं कर पाए।
नेता प्रतिपक्ष पर अधीर पर वार, ‘गुड़ का गोबर कैसे करना है…’
मोदी बोले कि विपक्ष ने देश को निराशा के अलावा कुछ नहीं दिया। मोदी बोले कि जिनके खुद के बहीखाते बिगड़े हुए हैं, वे भी हमसे हमारा हिसाब मांग रहे हैं। इस प्रस्ताव में कुछ विचित्र चीजें नजर आई। सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता का बोलने की सूची में नाम ही नहीं था। 1999 में वाजयेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नेतृत्व शरद पवार कर रहे थे। 2003 में अटल सरकार के खिलाफ सोनिया गांधी ने विपक्ष की नेता के तौर पर अविश्वास प्रस्ताव रखा। 2018 में खड़गे विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव रखा, लेकिन इस बार अधीर बाबू (रंजन) का क्या हाल हो गया कि उनको बोलने का मौका नहीं दिया गया। अमित भाई (शाह) ने कहा तो मौका दिया, लेकिन गुड़ का गोबर कैसे करना है, उसमें ये माहिर हैं।
विपक्ष का व्यवहार शुतुरमुर्ग जैसा
इसके बाद प्रधानमंत्री ने कहा, ‘विपक्ष का व्यवहार शुतुरमुर्ग जैसा हो गया है’। भारत की तरक्की की सच्चाई दुनिया को दूर से दिख रही है, विपक्ष को यहां रहते हुए नहीं दिख रही, क्योंकि अविश्वास और घमंड इन रगों में रच बस गया है. विपक्ष का व्यवहार शुतुरमुर्ग जैसा हो गया है। इसके लिए देश कुछ नहीं कर सकता। मोदी ने कहा कि जब भी घर में कुछ अच्छा होता है तो काला टीका लगाया जाता है। आज देश की जो वाह वाही हो रही है, आपने संसद में काले कपड़े पहनकर देश को काला टीका लगाने का काम किया है।
बोले- ‘विपक्ष का फेवरेट नारा: मोदी तेरी कब्र खुदेगी…’
प्रधानमंत्री यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियां उनको दिन-रात कोसती हैं। उनका फेवरेट डायलॉग है कि मोदी तेरी कब्र खुदेगी, लेकिन मैं इनके अपशब्दों को अपना टॉनिक बना लेता हूं।
फिर दिए ये तीन उदाहरण
इसके बाद मोदी ने आगे कहा, मेरा मानना है कि विपक्ष को एक वरदान मिला है कि ये लोग जिसका बुरा चाहेंगे, उसका भला होगा। उन्होंने तीन उदाहरण भी दिए। पहले उदाहरण में कहा, ‘मेरे खिलाफ क्या क्या किया गया लेकिन मैं बड़ा ही होता गया. विपक्ष ने कहा था कि बैंकिंग सेक्टर बर्बाद हो जाएगा. विदेश से विद्वान लाकर ऐसा बुलवाया गया. लेकिन जब इन्होंने बैंकों का बुरा चाहा तब पब्लिक सेक्टर बैंक का नेट प्रॉफिट दो गुना से ज्यादा हो गया. विपक्ष ने फोन बैंकिंग घोटाले की बात की थी. इसके कारण देश को NPA के गंभीर संकट में डुबो दिया था. लेकिन उन्होंने जो NPA का अंबार लगाया था, उसे पार करके हम आगे निकल चुके हैं’।
दूसरा उदाहरण हमारे डिफेंस के हेलिकॉप्टर बनाने वाले सरकारी कंपनी HAL से जुड़ी है. इसके लिए भली-बुरी बातें कही गईं. दुनिया में इसकी छवि बिगाड़ने कीकोशिश हुई. कहा गया कि HAL बर्बाद-तबाह हो गया है. इतना ही नहीं जैसे आजकल खेतों में जाकर वीडियो शूट होता है (राहुल पर तंज), वैसा ही उस समय HAL फैक्ट्री के दरवाजे पर मजदूरों की सभा कर वीडियो शूट किया गया था। कामगारों को भड़काया गया कि आपका अब कोई भविष्य नहीं है। इसका बुरा चाहा लेकिन आज HAL आज नई बुलंदी छू रहा है। HAL ने अपना अब तक का सबसे ज्यादा रेवेन्यू रजिस्टर किया है।
तीसरा उदाहरण LIC का है. कहा गया कि LIC डूब रहा है। गरीब का पैसा कहां जाएगा. लेकिन आज LIC लगातार मजबूत हो रही है। शेयर मार्केट में रुचि रखने वालों को ये गुरुमंत्र है कि जिस सरकारी कंपनी को विपक्ष गाली दे, उसमें दांव लगा दीजिए सब अच्छा होगा। मोदी ने आगे कहा कि तीसरे टर्म (2024 लोकसभा चुनाव) में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएंगे।
‘INDIA’ को बताया खटारा गाड़ी को इलेक्ट्रिक व्हीकल दिखाने की कोशिश
मोदी के भाषण के बीच विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी। कहा गया कि वे लोग चाहते हैं कि मोदी मणिपुर पर बयान दे। इस बीच मोदी बोले, ‘मैं विपक्ष के साथियों के प्रति संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं। आपने अभी बेंगलुरु में करीब दो दशक पुराने UPA का क्रियाक्रम किया, अंतिम संस्कार किया है और साथ में जश्न भी मना रहे थे। यह खंडहर पर नया प्लास्टर लगाने जैसा था। दशकों पुरानी खटारा गाड़ी को इलेक्ट्रिक व्हीकल दिखाने की कोशिश हुई।
मोदी ने कहा, ‘कांग्रेस की मुसीबत ऐसी है कि खुद को जिंदा रखने के लिए इनको NDA का ही सहारा लेना पड़ा, लेकिन आदत के मुताबिक घमंड का जो है, वह इनको छोड़ता नहीं है। इनके NDA के साथ दो आई (I) जोड़ दिए। पहला आई (I) 26 दलों का घमंड और दूसरा आई (I) एक परिवार का घमंड। NDA भी चुरा लिया। खुद बचने के लिए और इंडिया के भी टुकड़े (I.N.D.I.A.) कर दिए’।
‘दूर युद्ध से भागते, नाम रखा रणधीर…’
मोदी ने कहा कि कांग्रेस को देश के संस्कार की समझ नहीं बची है। पीढ़ी दर पीढ़ी ये लोग लाल-हरी मिर्च में फर्क नहीं कर पाए। जिनको सिर्फ नाम का सहारा है, उनके लिए कहा गया है कि दूर युद्ध से भागते, नाम रखा रणधीर! भाग्य चंद की आज तक सोई है तकदीर।
‘मोहब्बत की दुकान’ को ‘लूट की दुकान’ कह बताया- क्या बेचा इसने
इससे आगे राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए मोदी ने कहा, ‘कांग्रेस बरसों से एक ही फेल प्रोजेक्ट को बार-बार लॉन्च करती है, लेकिन वह फिर फेल हो जाता है। उनके पीआर वाले प्रचार करते हैं मोहब्बत की दुकान का, लेकिन देश की जनता कह रही है कि ये लूट की दुकान और बाजार है। इसमें नफरत, घोटाले और तुष्टिकरण है। इस दुकान ने इमरजेंसी, बंटवारा, सिखों पर अत्याचार बेचा, इतिहास बेचा है, शर्म करो नफरत की दुकान वालों तुमने सेना का स्वाभिमान बेचा है।’
…और अंत में इस बात के लिए विपक्ष को सराह भी गए PM
भाषण के अंत में मोदी ने कहा कि मैं विपक्ष के साथियों की एक बात के लिए तारीफ करना चाहता हूं। मैंने कहा था-2023 में अविश्वास प्रस्ताव लेके आओ, वो लोग लेकर आए। मेरी बात मानी उन्होंने, लेकिन मुझे दुख इस बात का है कि उनको पांच साल मिले। इस दौरान थोड़ा अच्छा करते-थोड़ी तैयारी करते। ना मुद्दे खोज पाए, देश को इन्होंने निराश किया है। जब 2028 में प्रस्ताव लेके आएं तो तैयारी करके आना. ऐसे घिसी-पिटी बातें लेकर मत आना, जिससे देश को लगे कि कम से कम आप विपक्ष के योग्य हो।
जानिए क्या है लोकसभा का गणित?
लोकसभा में भाजपा के 303 सदस्य हैं। सहयोगी पार्टी के आंकड़ों को मिला दें तो 333 हो जाता है। वाईएसआर, बीजेडी और टीडीपी ने समर्थन की बात कही है। कांग्रेस के पास 51 सांसद हैं। INDIA गठबंधन के संसदों की संख्या मिला दें तो यह आंकड़ा 143 हो जाता है। इस तरह अविश्वास प्रस्ताव मोदी सरकार आसानी से जीत लेगी।
मोदी सरकार के खिलाफ दूसरे अविश्वास प्रस्ताव का होगा पहले जैसा हाल
विपक्षी INDIA के अविश्वास प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा में जवाब दे रहे हैं। यह मोदी सरकार के खिलाफ ये दूसरा अविश्वास प्रस्ताव है। इसे भी मोदी सरकार पहले की तरह आसानी से जीत लेगी।
इससे पहले पहली बार 20 जुलाई 2018 को तेलुगु देशम पार्टी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी। 12 घंटे चर्चा हुई थी। मोदी सरकार को 325 वोट मिले थे। वहीं विपक्ष को सिर्फ 126 मत प्राप्त हुए थे। वहीं देश के इतिहास में अब तक 27 बार अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है। पहला प्रस्ताव 1963 में तत्कालीन पीएम जवाहर लाल नेहरू की सरकार के खिलाफ पेश किया गया है। यह चीन युद्ध के बाद लोकसभा में पेश किया गया था।
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Aug 10, 2023 20:11
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News24 हिंदी